झांसी, उत्तर प्रदेश: शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भयंकर आग लगने से 10 मासूम नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया। हादसे के वक्त वार्ड में कुल 47 नवजात भर्ती थे। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को संभावित वजह बताया जा रहा है।
घटना का विवरण
आग इतनी तेजी से फैली कि वार्ड में मौजूद बच्चों और वहां कार्यरत कर्मचारियों को संभलने का मौका नहीं मिला। दमकल विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सेना की मदद ली। बचाव कार्य रातभर चलता रहा, लेकिन दुर्भाग्यवश 10 नवजातों की जान नहीं बचाई जा सकी।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का बयान
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा:
“यूपी, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक। ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी। ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे।”
स्थानीय प्रशासन और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और लापरवाही बरतने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
#यूपी के #झांसी से बड़ी ख़बर हुआ बड़ा हादसा: मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग में 10 बच्चों की मौत, 30 से अधिक को बचाया; सेना को बुलाया !!
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) November 16, 2024
शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। बचाव टीम रेस्क्यू में लगी हुई है। वार्ड में करीब 47 नवजात भर्ती थे !! pic.twitter.com/YQA1MNMh8S
स्थानीय लोगों का आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। अस्पताल प्रशासन पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते आग बुझाने की व्यवस्था होती, तो इस त्रासदी को टाला जा सकता था।
जांच जारी
प्रशासन ने एक जांच समिति गठित की है, जो आग लगने के कारणों और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी। फिलहाल अस्पताल परिसर को सील कर दिया गया है।
यह हृदय विदारक घटना न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए पूरा देश इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।