नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक बार फिर चंदन गुप्ता का मामला चर्चा में है, जब समाजिक कार्यकर्ता और लेखक क्रांति कुमार ने इस मुद्दे पर अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की। क्रांति कुमार ने अपने ट्वीट में चंदन गुप्ता की कहानी को याद करते हुए लिखा, "मित्रों, क्या आप लोगों को चंदन गुप्ता याद है?" उन्होंने लिखा कि चंदन गुप्ता, जो तिरंगा यात्रा में शामिल था, एक विवाद के दौरान मारा गया था। इस मुद्दे पर भाजपा खेमे ने उस समय भारी हंगामा किया था, मगर आज चंदन के परिवार को तनहा छोड़ दिया गया है।
चंदन गुप्ता के परिवार की स्थिति का जिक्र करते हुए क्रांति कुमार ने लिखा कि चंदन के पिता आज भी भटक रहे हैं। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि न तो परिवार को कोई सरकारी सहायता मिली और न ही क्षेत्र में 'चंदन चौक' बनाने का वादा पूरा हुआ। क्रांति ने चंदन गुप्ता के पिता का बयान भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, "हम पर जो गुजर रही है, वो हम ही जानते हैं।" यह बयान उनके संघर्ष और अकेलेपन की भावना को उजागर करता है, जिससे उनके साथ हुए अन्याय की भावना और भी गहरी होती है।
मित्रों क्या आप लोगों को चंदन गुप्ता याद है. तिरंगा यात्रा निकालने वाली भीड़ में शामिल था. विवाद हुआ, गोली चली और चंदन गुप्ता की जान चली गई.
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) November 9, 2024
भाजपाई ख़ेमे ने बहुत तमाशा बनाया. मगर आज की तारीख़ में चंदन के परिवार को तनहा छोड़ दिया. पिता सड़क पर भटक रहे.
परिवार को न नौकरी मिली, न… pic.twitter.com/J6eDbBwqUm
क्रांति कुमार ने इस मुद्दे के माध्यम से देश में फैले सांप्रदायिकता और हिंसा के माहौल पर भी टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि दंगाई समाज आपके बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं, और ऐसे में जागरूक रहने की जरूरत है। इस संदर्भ में उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने और अपने परिवार के भविष्य की रक्षा करें। क्रांति का यह संदेश सिर्फ एक घटना की ओर इशारा नहीं करता, बल्कि समाज को सांप्रदायिकता से ऊपर उठकर सोचने का भी संदेश देता है।
इस ट्वीट में क्रांति कुमार ने राजनीतिक नेतृत्व पर भी कटाक्ष किया, यह कहकर कि किसी सांप्रदायिक नेता के बच्चों पर ऐसा कोई असर नहीं पड़ता। उनका मानना है कि आम जनता को ही हिंसा और सांप्रदायिकता के परिणाम भुगतने पड़ते हैं, जबकि नेता इस सबसे दूर रहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाता है कि समाज में जो हिंसा और नफ़रत फैलाई जाती है, उसका सबसे अधिक खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है, न कि उनके नेताओं को।
अंत में, क्रांति कुमार ने सभी से अपील की कि वे पढ़ें, लिखें, और नफ़रत से बचें। उनका संदेश इस ओर इशारा करता है कि शिक्षा और समझदारी ही समाज को सांप्रदायिकता और हिंसा से बचा सकती है। इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर खूब ध्यान आकर्षित किया है, और लोगों के बीच एक बार फिर चंदन गुप्ता के परिवार के प्रति समर्थन और सहानुभूति पैदा की है। क्रांति कुमार का यह संदेश नफ़रत की राजनीति के विरुद्ध एक चेतावनी है, और समाज में एकता और सहिष्णुता की आवश्यकता को दर्शाता है।