हमीरपुर जिले के मौदहा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। चकदहा गांव निवासी जगन्नाथ कुशवाहा (पुत्र लल्ली कुशवाहा) की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप देशराज दुबे और उसके एक सहयोगी पर है। घटना के बाद मृतक का शव गांव के पास झाड़ियों में फेंक दिया गया था। स्थानीय लोगों ने शव देखकर पुलिस को सूचना दी।
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस इस मामले में हत्यारों को पकड़ने में लापरवाही बरत रही है। घटना के 48 घंटे बाद भी पुलिस ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है। परिवार का यह भी आरोप है कि पुलिस ने मृतक के शव को उसके ही जमीन पर दफनाने से रोक दिया।
"बहुजन समाज पर अत्याचार जारी" – परिजनों का आरोप
मृतक के परिवार ने घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ के शासन में गाजर-मूली की तरह काटे जा रहे दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग। बहुजन समाज पर अन्याय और अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। परिवार ने प्रशासन पर गंभीरता से कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।
जगन्नाथ कुशवाहा पुत्र लल्ली कुशवाहा निवासी चकदहा थाना मौदहा जनपद हमीरपुर की लाठी डंडा से पीट-पीट कर हत्या कर दिया गया है यह हत्या देशराज दुबे और उसके एक सहयोगी द्वारा किया जाना बताया जा रहा है?
— Mrityunjay (@Mrityun30828138) November 28, 2024
जगन्नाथ कुशवाहा का शव झाड़ियों में फेक दिया गया था जिसे गाँव के लोगों ने देखा फिर… pic.twitter.com/UVySsO6uyb
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
मौदहा थाना पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों की तलाश की जा रही है। हालांकि, 48 घंटे बीतने के बावजूद कोई ठोस गिरफ्तारी न होने के कारण पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों में गुस्सा और भय
घटना के बाद चकदहा गांव के लोग डरे हुए हैं और उनमें गुस्सा भी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।
न्याय की मांग
मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से निष्पक्ष जांच और न्याय सुनिश्चित करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
यह घटना बहुजन समाज के खिलाफ होने वाले अपराधों और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है। अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।