गाजियाबाद: पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ "पीपुल फॉर एनिमल्स (PFA)" की शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान रोडवेज के एक बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया है। यह कंडक्टर कथित तौर पर तोता तस्करी में शामिल पाया गया।
बरामद हुए 200 तोते
पुलिस ने आरोपी के पास से करीब 200 तोते बरामद किए हैं, जिन्हें वह मुरादाबाद से लेकर आ रहा था। ये तोते छोटे-छोटे पिंजरों में बंद थे और इन्हें अवैध तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा था।
एनजीओ की भूमिका
इस पूरे मामले का खुलासा "पीपुल फॉर एनिमल्स" (PFA) एनजीओ ने किया। एनजीओ के पशु कल्याण अधिकारी गौरव गुप्ता ने इस अवैध गतिविधि की शिकायत गाजियाबाद के वेव सिटी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी।
गौरव गुप्ता ने बताया, "हमें सूचना मिली थी कि एक बस में बड़ी संख्या में तोते अवैध रूप से ले जाए जा रहे हैं। हमने तुरंत पुलिस को सूचित किया। यह क्रूरता और वन्यजीव संरक्षण कानून का गंभीर उल्लंघन है।"
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बस को रोका और आरोपी कंडक्टर को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि यह तस्करी का एक संगठित मामला हो सकता है। आरोपी ने तोतों को मुरादाबाद से इकट्ठा किया था और इन्हें अन्य राज्यों में बेचने की योजना थी।
वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी से पूछताछ जारी है और यह जांच की जा रही है कि इस तस्करी के पीछे और कौन लोग शामिल हैं।
गाजियाबाद में पशुओं के लिए काम करने वाले एक एनजीओ PFA (पीपुल फॉर एनिमल ऑर्गेनाइजेशन) से मिली शिकायत के बाद, वेव सिटी पुलिस ने यहां से राजस्थान रोडवेज के एक बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) November 30, 2024
जो कथित तौर पर तोता तस्करी में शामिल था, आरोपी से 200 तोते भी बरामद हुए, जिन्हें वो… pic.twitter.com/0fSOsIH8Wd
तोतों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया
बरामद किए गए 200 तोतों को एनजीओ "पीपुल फॉर एनिमल्स" की देखरेख में सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। इन पक्षियों की सेहत की जांच के लिए एक मेडिकल टीम भी लगाई गई है।
पुलिस का बयान
वेव सिटी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "तोता तस्करी एक गंभीर अपराध है। हम इस नेटवर्क का भंडाफोड़ करेंगे और इसमें शामिल सभी दोषियों को सजा दिलाएंगे।"
जानवरों के अधिकारों के लिए अहम कदम
यह घटना जानवरों और पक्षियों के संरक्षण के लिए पुलिस और एनजीओ की संयुक्त कोशिशों का एक उदाहरण है। पीपुल फॉर एनिमल्स (PFA) ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई और यह साबित किया कि जागरूकता और सही समय पर की गई कार्रवाई से अवैध तस्करी पर लगाम लगाई जा सकती है।
आगे की जांच जारी
पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए जांच जारी रखे हुए है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तस्करी के इस काले धंधे में शामिल हर व्यक्ति को कानून के कठघरे में लाया जाए।