नई दिल्ली: डासना देवी मंदिर के महंत और हिंदू महासभा के नेता यति नरसिंहानंद गिरी अपने एक बयान को लेकर फिर विवादों में घिर गए हैं। उनके हालिया बयान में राम मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने, महिलाओं के खिलाफ अपराधों और हिंदुओं के खात्मे की बात कही गई। यह बयान सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक समूहों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
यति नरसिंहानंद ने कहा, "सबसे पहले राम मंदिर तोड़ा जाएगा। उसके बाद सारे मंदिर तोड़ दिए जाएंगे। बहन–बेटियों को बलात्कार करके मंडियों में बेच दिया जाएगा। हमारे लोगों का कत्ल कर दिया जाएगा। हिंदुओं अगर इससे बचना चाहते हो तो अपना एक राष्ट्र बनाइए।"
इस बयान को लेकर समाज में व्यापक बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने इसे धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने वाला बताया, जबकि उनके समर्थकों ने इसे एक चेतावनी के रूप में पेश किया।
"सबसे पहले राम मंदिर तोड़ा जाएगा। उसके बाद सारे मंदिर तोड़ दिए जाएंगे। बहन–बेटियों को बलात्कार करके मंडियों में बेच दिया जाएगा। हमारे लोगों का कत्ल कर दिया जाएगा। हिंदुओं अगर इससे बचना चाहते हो तो अपना एक राष्ट्र बनाइए"
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 28, 2024
–यति नरसिंहानंद गिरी pic.twitter.com/P536bqCcZl
प्रतिक्रियाएं:
-
राजनीतिक दलों का विरोध:
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे कई विपक्षी दलों ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और समाज में ध्रुवीकरण करने वाला बताया। -
कानूनी कार्रवाई की मांग:
विभिन्न सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने सरकार से इस बयान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। -
भक्तों और समर्थकों का बचाव:
यति नरसिंहानंद के समर्थकों का कहना है कि उनका यह बयान एक जागरूकता फैलाने और हिंदू समाज को संगठित करने के लिए दिया गया है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
केंद्र और राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन मामले की जांच कर रहे हैं, और बयान के संभावित कानूनी परिणामों पर विचार किया जा रहा है।
समाज में बढ़ता ध्रुवीकरण:
यति नरसिंहानंद गिरी पहले भी अपने भड़काऊ बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान समाज में नफरत और असहिष्णुता को बढ़ावा देते हैं, जो देश की एकता और शांति के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष और विविधतापूर्ण देश में इस प्रकार के भड़काऊ बयानों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। समाज और सरकार को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बयान कानून और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान न पहुंचाए।
नोट: इस रिपोर्ट का उद्देश्य किसी भी समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ नफरत फैलाना नहीं है। सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है।