दो साल तक कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के बाद नवजोत कौर सिद्धू ने एक नई उम्मीद जगाई है। वीरवार को अमृतसर में हुए पैट स्कैन टेस्ट ने पुष्टि की कि वह कैंसर मुक्त हो चुकी हैं। स्टेज-4 के कैंसर से जूझते हुए आयुर्वेद और समर्पित जीवनशैली ने उन्हें नई जिंदगी दी।
नवजोत कौर ने न केवल इस बीमारी को हराया बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति असाध्य रोगों के इलाज में मददगार हो सकती है। उन्होंने कच्ची हल्दी, लहसुन, सेब का सिरका, नीम, तुलसी, अदरक, दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, और छोटी इलायची जैसे आयुर्वेदिक पदार्थों का नियमित रूप से सेवन किया। साथ ही, ब्लूबेरी, अनार, आंवला, चुकंदर, गाजर और सफेद पेठे के जूस ने उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया।
कठिन समय का सामना
नवजोत कौर के पति और पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि अप्रैल 2022 में, जब वह जेल में थे, तब नवजोत कौर को कैंसर की पुष्टि हुई थी। उन्होंने अकेले ही इस बीमारी से लड़ाई शुरू की। जब उन्हें इसका पता चला तो यह समय परिवार के लिए बेहद कठिन था।
कीमोथेरेपी के दौरान उनकी तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन बेटे की शादी की व्यस्तता के कारण कीमोथेरेपी में बाधा आई, और बीमारी ने स्टेज-4 का रूप ले लिया। इसके बाद अमृतसर के राजिंदर अस्पताल और यमुनानगर में उनका इलाज हुआ। इस कठिन समय में, सिद्धू ने आयुर्वेद में समाधान तलाशने की ठानी।
आयुर्वेद ने दिया नया जीवन
सिद्धू ने बताया कि आयुर्वेदिक आहार और दिनचर्या ने बीमारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कच्चे हल्दी-लहसुन से लेकर विशेष जूस तक, हर दिन उन्होंने नवजोत कौर को पौष्टिक आहार दिया। गेहूं, दूध, चीनी और मैदा जैसे खाद्य पदार्थ पूरी तरह से बंद कर दिए गए।
इसके अलावा, वे नियमित रूप से अंतराल उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग) का पालन करते थे। रात 6:30 बजे खाना खत्म करने के बाद अगले दिन सुबह 10 बजे नींबू पानी से आहार शुरू किया जाता था।
कैंसर पर जीत का संदेश
40 दिनों के इलाज और सर्जरी के बाद, जब पैट स्कैन हुआ, तो रिपोर्ट में एक भी कैंसर कोशिका नहीं पाई गई। इस खुशी के साथ सिद्धू ने कहा, "आयुर्वेद ने मेरी पत्नी को नया जीवन दिया है। लोग अपनी रसोई में स्वस्थ सामग्री रखें और मिलावट से बचें।"
मिलावटखोरी पर चिंता
नवजोत कौर ने मिलावटखोरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को नकली खाद्य पदार्थों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। दूध, पनीर, तेल जैसे खाद्य पदार्थों में मिलावट से कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि नियमित स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता दी जाए।
सिद्धू ने कहा कि वह राजनीति पर बात नहीं करना चाहते, लेकिन परिवार के संकट से उबरकर अब वह लोगों की सेवा के लिए तत्पर हैं। नवजोत कौर सिद्धू की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि आयुर्वेद और स्वस्थ जीवनशैली की ताकत को भी उजागर करती है।