कानपुर के फज़लगंज में वर्ष 2021 में हुए सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर केस में अदालत ने दोषियों गौरव शुक्ला और हिमांशु सिंह को मरने तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। गौरव शुक्ला ने अपने साथी हिमांशु के साथ मिलकर अपने ही दोस्त और किराना व्यवसायी प्रेम किशोर, उनकी पत्नी ललिता, और 12 साल के बेटे नैतिक की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या का मकसद लूट था, जिसके बाद दोनों ने लोहे की रॉड से पीट-पीटकर इन तीनों की नृशंस हत्या कर दी थी।
घटना के बाद कानपुर पुलिस ने इस मामले की गहन छानबीन की और सबूतों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अदालत में चली सुनवाई के दौरान सामने आया कि गौरव और हिमांशु ने प्रेम किशोर के घर में लूट के लिए घुसकर उनकी हत्या की योजना बनाई थी। इस मर्डर केस में जिस बेरहमी से हत्या की गई, उसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था। न्यायाधीश ने इस हत्या को नृशंसता की पराकाष्ठा माना और फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषियों की सजा में किसी भी तरह की नरमी बरतना समाज के लिए खतरनाक होगा।
कानपुर के फज़लगंज मे वर्ष 2021 मे दम्पति व उनकी पुत्र की नृशन्स हत्या करने वाले गौरव शुक्ला और हिमांशु सिंह को अदालत ने मरने तक जेल मे रहने की सजा सुनाई है। क़ातिल गौरव ने साथी संग मिलकर अपने दोस्त किराना कारोबारी प्रेम किशोर, उसकी पत्नि ललिता व 12 साल के नैतिक की लूट के बाद उनके… pic.twitter.com/fBSAwGW205
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) November 8, 2024
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत के सामने ठोस सबूत पेश किए, जिनमें घटना स्थल से मिली लोहे की रॉड, खून के धब्बों की जांच रिपोर्ट और गवाहों के बयान शामिल थे। अदालत ने सबूतों को ध्यान में रखते हुए और घटना की गंभीरता को देखते हुए फैसला सुनाया कि दोनों दोषियों को मरने तक जेल में ही रखा जाएगा। इस फैसले ने न्याय प्रक्रिया में जनता के विश्वास को और भी मजबूत किया है।
गौरव शुक्ला और हिमांशु सिंह के खिलाफ अदालत का यह कड़ा फैसला कानपुर में चर्चा का विषय बन गया है। फज़लगंज क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया और न्यायपालिका का आभार जताया। प्रेम किशोर के परिवार के बचे हुए सदस्यों और उनके दोस्तों का कहना है कि इस निर्णय से उन्हें कुछ हद तक न्याय मिला है, हालांकि इस दर्दनाक घटना की यादें उनके जीवन में हमेशा जिंदा रहेंगी।
यह मामला इस बात का प्रतीक बन गया है कि कानून व्यवस्था का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा और नृशंस अपराधियों को उनके कृत्य का गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। कानपुर के इस चर्चित ट्रिपल मर्डर केस में अदालत का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि समाज में हिंसा और अमानवीयता के लिए कोई जगह नहीं है।