जौनपुर, उत्तर प्रदेश – जिले के कबीरुद्दीनपुर गाँव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया है। 17 वर्षीय अनुराग यादव, जो 12वीं कक्षा का छात्र था, की तलवार से गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। इस निर्मम हत्या के पीछे जमीनी विवाद का मामला सामने आया है। इस हत्या का आरोप रिटायर्ड दरोगा लालता यादव और उनके बेटे रमेश यादव पर लगाया गया है।
अनुराग की छोटी बहन ने इस घटना के बारे में बताया कि जब भी उनका परिवार जमीनी विवाद की शिकायत लेकर थाना गौराबादशाहपुर जाता था, तो थाना प्रभारी का रवैया निराशाजनक रहता था। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी अक्सर कहते थे, "अहीर बिरादरी है, बिना मारपीट व खूनखराबे के मानेंगे नहीं," और अंततः वैसा ही हुआ। इस बयान ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और पूरे समुदाय में गहरा रोष उत्पन्न कर दिया है।
अनुराग की हत्या का मामला गाँव में लंबे समय से चल रहे जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। रिटायर्ड दरोगा लालता यादव और उनके बेटे रमेश यादव पर इस हत्या का आरोप है। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, विवादित जमीन को लेकर यह तनाव काफी समय से चल रहा था, लेकिन पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई न करने के कारण मामला इतना बढ़ गया कि हत्या जैसी भीषण घटना घटी।
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— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) November 3, 2024
👉🏾 12वीं के छात्र अनुराग यादव की तलवार से गर्दन काटकर धड़ से अलग कर निर्मम हत्या के मामले में अनुराग की छोटी बहन के बयान सुनिये।
👉🏾 कह रही है जब भी जमीनी विवाद की शिकायत करने थाने जाते थे तो थाना प्रभारी कहते थे अहीर विरादरी है बिना मारपीट व खूनखराभे के मानेंगे नहीं और… pic.twitter.com/lVEcjv6o2Y
इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अनुराग के परिवार और गाँव वालों ने पुलिस की इस घटना को रोकने में नाकामी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों का कहना है कि अगर पहले ही उचित कार्रवाई की जाती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
इस मामले ने पूरे जौनपुर और आसपास के क्षेत्रों में आक्रोश पैदा कर दिया है। सामाजिक संगठनों और स्थानीय निवासियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और सख्त सजा दिलाने की मांग की है। लोग सड़कों पर उतरकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं और पीड़ित परिवार के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।
अनुराग यादव की हत्या न केवल एक निर्दोष किशोर की जान जाने का मामला है, बल्कि यह प्रशासन और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करती है। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और कैसे सुनिश्चित करता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि जमीनी विवादों को लेकर प्रशासन की लापरवाही कितनी घातक हो सकती है, और ऐसे मामलों में जल्द से जल्द निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।