चित्रकूट। जिले में खोही पुलिस चौकी में तैनात दरोगा रमेश सिंह यादव पर रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित महिला रानी गौर ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके बेटे अनुज गौर को दरोगा साहब ने घर से उठाकर पहले पूछताछ के नाम पर हिरासत में लिया और फिर 50,000 रुपये की रिश्वत लेकर भी जेल भेज दिया।
रानी गौर ने बताया कि खोही चौकी पुलिस ने उनके बेटे को घर से जबरन ले जाकर राम सेजिया क्षेत्र में उसकी फोटो खींची और चोर करार दे दिया। इसके बाद उसे कर्वी कोतवाली ले जाया गया। वहां दरोगा ने फोन पर महिला से कहा कि अगर बेटे को रिहा कराना है तो 50,000 रुपये लेकर कोतवाली आओ।
महिला ने बताया कि भारी मुश्किलों के बाद उन्होंने पैसे जुटाए और दरोगा को सौंप दिए। बावजूद इसके, उनके बेटे को जेल भेज दिया गया। जब महिला ने फोन कर रिश्वत की रकम वापस मांगी तो दरोगा ने उन्हें खोही चौकी आकर पैसे लेने की बात कही।
इस घटना से परेशान महिला ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर दरोगा रमेश सिंह यादव के खिलाफ लिखित शिकायत दी है और न्याय की मांग की है।
#चित्रकूट
— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) November 24, 2024
👉🏾 महिला ने दरोगा पर पचास हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। क्या दरोगा साहब रिश्वत लिए होंगे🤔🤔??
👉🏾 पीड़ित महिला रानी गौर ने फोन के माध्यम से बताया कि खोही चौकी में तैनात दरोगा साहब मेरे बेटे अनुज गौर को घर से उठा ले गए।
👉🏾 दरोगा साहब से महिला ने पूछा… pic.twitter.com/AtAdnwAWMh
पुलिस अधीक्षक की प्रतिक्रिया
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि महिला की शिकायत की जांच की जाएगी। यदि दरोगा पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यशैली
इस घटना ने चित्रकूट पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता का विश्वास ऐसे मामलों से प्रभावित हो रहा है। पीड़ित परिवार अब न्याय की उम्मीद में उच्चाधिकारियों की ओर देख रहा है।
क्या रिश्वतखोरी के इस मामले में दोषी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा? यह देखने की बात होगी।