सांकेतिक AI चित्र
सहारनपुर, 25 नवंबर: हाईवे नंबर 57 के पास, जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित नानौता कस्बे में सोमवार सुबह पुलिस को एक दर्दनाक घटना की सूचना मिली। पास की नहर में बोरे में बंद एक 18-19 वर्षीय युवती की लाश पाई गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा किया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लेकिन इस शव की पहचान और इसके पीछे की कहानी ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया।
मृतका की पहचान और मामला दर्ज
अगले ही दिन देवबंद थाने में एक युवती, आयशा, ने अपनी बड़ी बहन शाइला के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने शक जताया कि उसके माता-पिता ने ही शाइला की हत्या की है। पुलिस ने तुरंत शाइला की फोटो दिखाकर आयशा से शव की पहचान कराई, जिसे आयशा ने अपनी बहन शाइला के रूप में पहचाना। इसके बाद पुलिस ने शाइला के पिता जाफर, मां बानो, भाभी नजमा और जीजा मारूफ को गिरफ्तार कर लिया।
कत्ल की खौफनाक साजिश
पूछताछ में परिवार ने कबूल किया कि शाइला का कत्ल उन्होंने ही किया। कारण था शाइला का अपनी भाभी नजमा के भाई के साथ प्रेम संबंध। परिवार इस रिश्ते से नाराज था, और जब शाइला ने उनका विरोध किया, तो उन्होंने इसे अपनी झूठी इज्जत का सवाल मानकर उसकी हत्या की योजना बना डाली।
22 नवंबर को, शाइला की मां बानो ने उसकी छोटी बहन आयशा को बहाने से शादी में ले जाकर अलग कर दिया। इस बीच, घर पर शाइला, उसके मां-बाप, भाभी और जीजा अकेले थे। उन्होंने शाइला पर रिश्ते तोड़ने का दबाव डाला, लेकिन जब उसने मना किया, तो मारूफ ने उसे दबोच लिया। मां-बाप ने उसके पैर पकड़े और भाभी ने हाथ, जबकि मारूफ ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
लाश ठिकाने लगाने का असफल प्रयास
हत्या के बाद, लाश को बोरे में डालकर मारूफ और बानो बाइक पर करीब 20 किलोमीटर दूर ऐनाबाद नहर पर ले गए। वहां उन्होंने लाश को नहर में फेंक दिया, यह सोचकर कि पानी उसे बहा ले जाएगा। लेकिन पानी कम होने के कारण लाश किनारे पर ही अटक गई।
आखिरकार खुला सच
पुलिस ने आयशा के बयान और साक्ष्यों के आधार पर हत्या के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उन पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। लोगों के मन में सवाल है कि कोई मां-बाप अपनी ही बेटी की हत्या जैसी निर्दयी हरकत कैसे कर सकते हैं।
समाज के लिए चेतावनी
इस घटना ने समाज में झूठी शान और इज्जत के नाम पर होने वाली हिंसा को उजागर किया है। यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है कि इस तरह की सोच कितनी खतरनाक हो सकती है।
सहारनपुर ब्यूरो रिपोर्ट