बलिया जिले से पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस के दो सिपाहियों पर ₹1 लाख की वसूली और धमकी देने का आरोप लगा है। यह मामला नरही थाना क्षेत्र का है, जहां तैनात सिपाही कौशल पासवान और ऋषिपाल बिंद पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
शिकायतकर्ता का आरोप
भरौली गांव के रहने वाले रुदल यादव ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी। उन्होंने बताया कि 25 तारीख को जब वे अपने खेत में काम कर रहे थे, तब ये दोनों सिपाही वहां पहुंचे और उनके भाई के बारे में पूछताछ करने लगे। जब उन्होंने कोई जानकारी देने से इनकार किया, तो पुलिसकर्मी उन्हें जबरदस्ती थाने ले गए।
थाने में, रुदल यादव को बैरक में बंद कर दिया गया और उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद, दोनों सिपाहियों ने रिहाई के लिए ₹1 लाख की मांग की। धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो उन्हें पशु तस्करी के झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। मजबूर होकर पीड़ित ने ₹1 लाख उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया।
मामले में कार्रवाई
शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान, सिपाही ऋषिपाल बिंद और तीन अन्य व्यक्तियों—मंटू निषाद, संजय चौधरी, और शिवम यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
दूसरी ओर, मुख्य आरोपी सिपाही कौशल पासवान फरार चल रहा है। पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है और उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने पुलिस की ईमानदारी और साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह की हरकतें विश्वास को हिला देने वाली हैं। पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि फरार सिपाही को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और इस मामले में दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
आम जनता में रोष
इस घटना ने बलिया के लोगों में आक्रोश फैला दिया है। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि जब कानून के रक्षक ही ऐसे कामों में लिप्त होंगे, तो आम आदमी न्याय के लिए कहां जाएगा?