हम सभी जानते हैं कि एक दिन में 24 घंटे होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? क्यों नहीं 25 या 50 घंटे? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें थोड़ा सा विज्ञान की दुनिया में जाना होगा।
दिन और रात का चक्र
हमारा दिन और रात का चक्र पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने से बनता है। पृथ्वी को अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में लगभग 24 घंटे का समय लगता है। इसीलिए हम एक दिन में 24 घंटे देखते हैं।
24 घंटे का इतिहास
बैबिलोनियों का योगदान: 24 घंटे की अवधारणा सबसे पहले प्राचीन बेबिलोनियों ने विकसित की थी। उन्होंने दिन और रात को 12-12 घंटों में बांटा था।
60 का महत्व: बेबिलोनियों की संख्या प्रणाली 60 पर आधारित थी। यही कारण है कि एक घंटे में 60 मिनट और एक मिनट में 60 सेकंड होते हैं।
सौर मंडल और 24: 24 संख्या सूर्य के चक्र से भी जुड़ी हुई है। एक साल में लगभग 365 दिन होते हैं, जो 24 से विभाजित होने पर लगभग 15 प्राप्त होता है। यह संख्या सूर्य के राशि चक्र के 12 संकेतों से भी जुड़ी हुई है।
क्या कभी दिन 24 घंटे से ज्यादा का होगा?
जी हां, यह संभव है। पृथ्वी की घूर्णन गति धीरे-धीरे कम हो रही है। इसका कारण चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल है। इस कारण से, भविष्य में एक दिन की अवधि थोड़ी बढ़ सकती है। लेकिन यह परिवर्तन बहुत धीरे-धीरे होगा और इसे महसूस करने में हजारों साल लग सकते हैं।