चित्रकूट के लालापुर में भरतदास बाबा ने एक बार फिर अपने रुतबे का प्रदर्शन करते हुए गरीबों की दुकानों पर बुलडोजर चलवा दिया। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। बाबा भरतदास ने पुलिस और प्रशासन के सामने ही अपनी ताकत का खुलेआम प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने धमकाते हुए कहा कि वह दो मिनट में जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) से बात कर सकते हैं। यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैल रही है, जहां बाबा की पुलिस के सामने धमकी देने और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क की बात करते हुए वीडियो वायरल हो रही है।
गरीबों की दुकानें ध्वस्त, प्रशासन खड़ा तमाशबीन
भरतदास बाबा का बुलडोजर तबाही मचाते हुए कई गरीबों की दुकानों को ध्वस्त कर चुका है। पुलिस, जो आमतौर पर ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई करती है, इस बार केवल तमाशा देखती नजर आई। पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद होकर बाबा की हरकतों का वीडियो बनाते दिखे, लेकिन कोई भी कार्रवाई करने से बचते रहे। बाबा खुलेआम धमकियों के साथ कह रहा था कि उसे कोई लिखित जवाब देने की आवश्यकता नहीं है और उसका सीधा संबंध योगी आदित्यनाथ से है, जिससे उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
#चित्रकूट
— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) October 19, 2024
👉🏾 एक और बुलडोजर बाबा भरतदास लालापुर में अपना रुतबा कायम कर दिए। क्या उत्तर प्रदेश में बाबा ही अपना साम्राज्य बनाएंगे। गरीबों को नहीं पेट पालने देंगे?
👉🏾 भरतदास बाबा का पॉवर देखिये पुलिस प्रशासन के सामने पहाड़ में बुलडोजर चलवा रहे हैं, कुछ गरीबों की दुकानें गिरवा दिए,… pic.twitter.com/VSQrZOTIOo
शत्रुघ्न प्रसाद तिवारी को मिली जान से मारने की धमकी
इस मामले में सबसे अधिक चर्चा में आए शत्रुघ्न प्रसाद तिवारी, जो कि पहले से ही मंदिर में रह रहे थे। तिवारी ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी चित्रकूट को लिखित शिकायत दी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भरतदास बाबा अवैध खनन करवा रहा है और गरीबों की दुकानें तुड़वा रहा है। तिवारी ने बाबा पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है।
तिवारी के अनुसार, भरतदास बाबा ने जबरदस्ती मंदिर और आसपास की जमीन पर कब्जा कर लिया है और वहां के गरीबों को हटा दिया है। यह मामला अब प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंच चुका है, लेकिन बाबा के प्रभाव के चलते अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
इस पूरी घटना ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन से इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाबा भरतदास जैसे लोग अपने प्रभाव और सत्ता से गरीबों को दबाने का काम कर रहे हैं, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
इस घटना ने क्षेत्र में न्याय की गुहार लगाने वाले गरीबों के मन में गुस्सा और असुरक्षा का भाव पैदा कर दिया है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या बाबा भरतदास के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
भरतदास बाबा की यह घटना उत्तर प्रदेश में बढ़ते बुलडोजर न्याय और उसकी राजनीति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जब प्रभावशाली लोग खुलेआम कानून को चुनौती देने लगें और प्रशासन केवल दर्शक बना रहे, तो यह स्थिति गरीब और कमजोर लोगों के लिए कितनी चिंताजनक हो सकती है।