लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश - एक बुजुर्ग किसान पिछले छह वर्षों से खेत की पैमाइश करवाने के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहा था। इस दौरान किसान से 5000 रुपये की रिश्वत भी ली गई, लेकिन बावजूद इसके उसका काम नहीं हो पाया। किसान की लगातार कोशिशों के बावजूद जब कोई समाधान नहीं मिला, तो यह मामला लखीमपुर खीरी सदर विधायक योगेश वर्मा के संज्ञान में आया।
जब विधायक को इस भ्रष्टाचार की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने किसी बड़ी गाड़ी का इंतजार नहीं किया, बल्कि अपनी बाइक से सीधे एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। वहां जाकर उन्होंने अधिकारियों से सवाल-जवाब किए और तत्काल घूस की रकम वापस दिलवाई। विधायक वर्मा की इस तत्परता ने न केवल किसान को राहत दी, बल्कि क्षेत्र के अन्य लोगों में भी एक सकारात्मक संदेश भेजा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं।
लखीमपुर खीरी में एक बुजुर्ग किसान पिछले 6 साल से खेत की पैमाइश के लिए तहसील के चक्कर काट रहा था।
— Kavish Aziz (@azizkavish) October 24, 2024
किसान से 5000 रुपए रिश्वत ली गयी,लेकिन काम फिर भी नहीं हुआ
लखीमपुर खीरी सदर विधायक योगेश वर्मा को जब पता चला तो बाइक से SDM ऑफिस पहुंच गए घूस वापिस कराने pic.twitter.com/cW4cwLusBI
विधायक वर्मा की इस पहल से क्षेत्र में चर्चा है कि अब लोगों को अपने हक के लिए आवाज उठाने से डरने की जरूरत नहीं है। किसान ने भी इस घटना के बाद विधायक का धन्यवाद किया और कहा कि वह अब अपने खेत की पैमाइश के लिए अधिकारियों से सही तरीके से काम होने की उम्मीद कर रहा है।
इस घटना ने लखीमपुर खीरी के प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े किए हैं और यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का आक्रोश कितना बढ़ रहा है। विधायक वर्मा की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग विधायक की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं अक्सर होती हैं, लेकिन इस बार विधायक की सजगता ने एक मिसाल कायम की है।