लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खाद्य और पेय पदार्थों में मिलावट के खिलाफ कठोर कदम उठाने का ऐलान किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक सख्त संदेश जारी किया, जिसमें खाद्य पदार्थों में मिलावट को "असभ्य और अमानवीय आचरण" करार दिया।
मुख्यमंत्री ने लिखा, "खाद्य एवं पेय पदार्थों में अखाद्य और गंदी चीजों की मिलावट असभ्य और अमानवीय आचरण है। ऐसे वीभत्स, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले कुत्सित कृत्यों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है।"
खाद्य एवं पेय पदार्थों में अखाद्य और गंदी चीजों की मिलावट असभ्य और अमानवीय आचरण है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 15, 2024
ऐसे वीभत्स, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले कुत्सित कृत्यों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने और सार्वजनिक…
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इस प्रकार के घृणास्पद अपराधों पर नकेल कसने के लिए कठोर कानून लाने जा रही है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं में विश्वास को बनाए रखना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार प्रदेश के हर नागरिक की आस्था और स्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इस सख्त संदेश से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने जा रही है और जनता के स्वास्थ्य के प्रति कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा को लेकर यह नई पहल प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, जो पिछले कुछ समय से मिलावट के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। राज्य सरकार का यह कदम अपराधियों को कठोर सजा दिलाने और समाज में शुद्धता और विश्वास बनाए रखने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
सरकार की इस घोषणा के बाद आम जनता और उपभोक्ता संगठनों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है, और यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।