नई दिल्ली: चुनाव आयोग मंगलवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रहा है, जिसमें महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा किए जाने की संभावना है। इन राज्यों के आगामी चुनावों पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं, और विपक्ष ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर नए सिरे से सवाल उठाए हैं। खासकर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में कथित गड़बड़ी के आरोपों ने फिर से तूल पकड़ लिया है, जिसे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी ईवीएम पर सफाई
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठे सवालों का सख्त जवाब देते हुए कहा कि, "ईवीएम 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। जनता ने मतदान में शामिल होकर अपने विश्वास को जाहिर किया है, और अगर विपक्ष फिर से सवाल उठाता है तो हम फिर से जवाब देंगे।"
उनका यह बयान कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के आरोपों के जवाब में आया है, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। अल्वी ने अपने बयान में इस्राइल के द्वारा हिजबुल्ला के पेजर हैक करने का उदाहरण देते हुए दावा किया था कि ईवीएम भी इसी तरह की तकनीकी छेड़छाड़ का शिकार हो सकती हैं।
राशिद अल्वी का आरोप: "ईवीएम में हो सकती है छेड़छाड़"
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा था कि महाराष्ट्र में विपक्ष को बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने का दबाव बनाना चाहिए। उनका तर्क था कि अगर इस्राइल वॉकी-टॉकी और पेजर के जरिए आतंकवादी हमले कर सकता है, तो ईवीएम भी हैक हो सकती हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर चुनावी प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। अल्वी ने कहा, "प्रधानमंत्री के इस्राइल के साथ अच्छे संबंध हैं, और इस्राइल इन तकनीकों में माहिर है। ईवीएम के जरिए चुनावों में धांधली हो सकती है।"
पवन खेड़ा ने भी उठाए सवाल
इस विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने भी हरियाणा चुनाव के दौरान ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे। खेड़ा ने दावा किया था कि कुछ ईवीएम में गड़बड़ियां थीं, जहां चार्जिंग लेवल के आधार पर वोटों के परिणाम प्रभावित हुए। उन्होंने कहा था, "जिन ईवीएम का चार्ज 99 प्रतिशत था, वहां कांग्रेस हार गई, जबकि जिनका चार्ज 60-70 प्रतिशत था, वहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यह एक विचित्र बात है।"
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सभी की नजरें
ऐसे में चुनाव आयोग की आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ-साथ चुनाव आयोग ईवीएम के संबंध में उठ रहे सवालों पर भी अपनी स्थिति को और स्पष्ट कर सकता है।
विपक्ष के आरोपों और चुनाव आयोग के बचाव के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में ईवीएम का मुद्दा कितना बड़ा राजनीतिक विमर्श बनेगा।