हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक सिख व्यक्ति नाबालिग बच्ची को बाल पकड़कर घसीटता और चप्पलों से बेरहमी से मारता दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि यह घटना बच्ची द्वारा फूल तोड़ने के बाद हुई। इस अमानवीय घटना ने समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है।
घटना के बारे में अधिक जानकारी मिलने पर पता चला कि बच्ची ने केवल फूल तोड़े थे, जिसे लेकर व्यक्ति ने क्रूरता का प्रदर्शन किया। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बच्ची को बालों से खींचकर जमीन पर गिराया गया और फिर उस पर चप्पलों से कई बार वार किया गया।
घटना ने समाज में सनातनी परंपराओं और मूल्यों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। नवरात्रि के शुभ अवसर के ठीक पहले, जब सनातनी परिवारों में कन्याओं की पूजा की जाती है, इस प्रकार की घटना का सामने आना समाज की नैतिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। एक तरफ हम नवरात्रि में कन्याओं को देवी के रूप में पूजते हैं और दूसरी तरफ एक नाबालिग बच्ची को निर्दयता से पीटते हैं।
फूल तोड़ने पर नाबालिग बच्ची को बाल पकड़ कर घसीट घसीट कर चप्पलों से बेरहमी से मारता दिखाई दे रहा एक सिख सरदार, नवरात्रि आने वाली है 2 दिन बाद सनातनी कन्याओं को पूजेंगे और ये जूते मार रहे हैं, कानून नाबालिग बच्ची को इस प्रकार से प्रताड़ित करने पर POCSO एक्ट लगना चाहिए pic.twitter.com/wQuTXN6khr
— Nitin Shukla 🇮🇳 (@nshuklain) September 30, 2024
कानूनी कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद लोगों ने सिख व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। कानून के अनुसार, किसी भी नाबालिग को इस प्रकार प्रताड़ित करना न केवल अनैतिक है बल्कि यह अपराध की श्रेणी में आता है। इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
बाल अधिकारों के विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिगों के खिलाफ इस प्रकार का व्यवहार कानूनी रूप से दंडनीय होना चाहिए। पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से जल्द से जल्द इस मामले में जांच करने और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।
समाज में बढ़ती हिंसा
यह घटना केवल एक बच्ची के साथ हिंसा का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ रही असहिष्णुता और हिंसा का प्रतीक है। छोटी-छोटी बातों पर इस तरह की हिंसक प्रतिक्रिया न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालती है, बल्कि यह समाज में डर और असुरक्षा का माहौल भी बनाती है।
अभी तक पुलिस द्वारा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जनता और सामाजिक संगठनों का दबाव बढ़ रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस घटना में शामिल व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि समाज में एक सशक्त संदेश जाए कि बच्चों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।