नगीना, उत्तर प्रदेश: नगीना के सांसद चंद्रशेखर ने हाल ही में एक जनसभा में भाषण देते हुए धार्मिक सद्भाव और भारतीय संविधान की रक्षा पर जोर दिया। उन्होंने अपनी पार्टी और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह यहां सभी का समर्थन करने और आंदोलन में शामिल होने के लिए आए हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली टीम का जिक्र करते हुए कहा कि उनके आग्रह पर वह इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।
चंद्रशेखर ने अपने भाषण के दौरान स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी धर्म के खिलाफ अनादरजनक टिप्पणी या बर्ताव का विरोध करती है। सभा के दौरान जब एक मुस्लिम व्यक्ति शकील सैफी जो कि बीजेपी का नेता है ने हस्तक्षेप किया और मुद्दे को राजनीतिक रंग न देने की बात कही, तब स्थिति थोड़ी असहज हो गई। कुछ लोगों ने चंद्रशेखर के खिलाफ "वापस जाओ" के नारे भी लगाए, लेकिन जब शकील सैफी की असलियलत का पता चला तब लोगों ने उसे भगाया. आजाद ने धैर्यपूर्वक स्थिति को संभाला और सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते रहे।
चंद्रशेखर ने अपने भाषण में जोर दिया कि भारत एक बहुधर्मी देश है, जहां हर धर्म और जाति के लोग साथ रहते आए हैं। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी धर्मों को समान सम्मान और पूजा करने का अधिकार देता है। उनका मानना है कि लंबे समय से कुछ राजनीतिक षड्यंत्रों के माध्यम से अन्य धर्मों को उकसाने और परेशान करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना है।
उन्होंने कहा, "हमें बहुत समझदारी और जिम्मेदारी से इस कार्य को करना चाहिए ताकि संविधान की रक्षा हो सके और देश में अमन, भाईचारा और प्रेम बना रहे।" उन्होंने सभी से एकजुट होकर गैर-बराबरी और अन्य सामाजिक समस्याओं के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया।
चंद्रशेखर ने स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह सभी धर्मों के लोग मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़े और बलिदान दिए, उसी तरह आज भी देश को एकजुट होकर तमाम समस्याओं से लड़ने की जरूरत है। उन्होंने सभा के माध्यम से स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ धार्मिक सद्भाव और संविधान की रक्षा करना है, न कि किसी धर्म या समुदाय को निशाना बनाना।
सभा में उनके इस संबोधन को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं, लेकिन चंद्रशेखर ने अपने संदेश को दृढ़ता से रखा और संविधान की रक्षा तथा धार्मिक सद्भाव को बनाए रखने की अपील की।