आगरा, उत्तर प्रदेश — योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में आगरा जिले के बाह तहसील में एक दलित व्यक्ति पर सरेआम हमला किया गया, जिसने राज्य की पुलिस और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। घटना का वीडियो और विवरण सामने आने के बाद जनता में आक्रोश फैल गया है।
घटना बाह तहसील की है, जहां तीन आपराधिक किस्म के लोग एक दलित व्यक्ति को सरेआम लाठी-डंडों से पीटते हुए देखे गए। उन्होंने पीड़ित को जमीन पर गिरा दिया और फिर भी हमला करते रहे। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि घटना के समय पास में बैठे लोग मूकदर्शक बने रहे और किसी ने पीड़ित की मदद करने का प्रयास नहीं किया। इस कृत्य ने मानवता को शर्मसार कर दिया है और समाज में व्याप्त असंवेदनशीलता को उजागर किया है।
आगरा,उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। दिन प्रति दिन दलितों के साथ रेप,गैंगरेप, हत्याएँ आदि की घटनाएं सामने आ रही हैं,उसके बाद भी योगी आदित्यनाथ की पुलिस चुस्त व दुरुस्त नहीं है। दलितों के साथ हो रही घटनाओं पर लगाम लगाने में उत्तर प्रदेश… pic.twitter.com/DbYZuw9tFN
— पवन (@Voiceofpavan) October 13, 2024
यह घटना प्रदेश में दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों का एक और उदाहरण है। उत्तर प्रदेश में लगातार दलितों के साथ रेप, गैंगरेप और हत्याओं की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था सुधारने में सरकार और पुलिस विफल नजर आ रही है। योगी आदित्यनाथ की सरकार के तहत पुलिस व्यवस्था पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा है।
प्रदेश की जनता और दलित समाज के लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सरकार और प्रशासन की ओर से इस घटना पर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कानून व्यवस्था और दलित समाज की सुरक्षा को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इस प्रकार की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो दलित समाज में असुरक्षा की भावना और गहरी हो जाएगी।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और योगी सरकार के दलित सुरक्षा के दावों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।