बहराइच, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक अत्यंत गंभीर और अमानवीय घटना सामने आई है, जहां तीन दलित बच्चों को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया। मिली जानकारी के अनुसार, मोहम्मद नाजिम, इनायत, कासिम और शानू नामक व्यक्तियों ने मिलकर इन तीन मासूम बच्चों के सिर मुंडवाए, उनके चेहरे पर कालिख पोती और उनके शरीर पर 'चोर' लिखकर पूरे गांव में घुमाया। यह घटना समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता और असहिष्णुता का एक और घिनौना उदाहरण है।
घटना की विस्तृत जानकारी
बताया जा रहा है कि इन बच्चों पर चोरी का आरोप लगाया गया था, लेकिन आरोपों की जांच या सत्यापन के बिना ही इन्हें तालिबानी सजा दी गई। बच्चों के सिर मुंडवाए गए, और उन्हें पूरे गांव में अपमानित किया गया। यह अमानवीय कृत्य किसी कानून के दायरे में नहीं आता और इससे क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा हो गया है।
दलित बच्चों को तालिबानी सजा।❌⚠️⛔️
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) October 11, 2024
यूपी के बहराइच में मोहम्मद नाजिम, इनायत, कासिम और शानू ने मिलकर तीन दलित बच्चों का सिर मुंडवाकर उन पर चोर लिखा और उनके मुंह पर कालिख पोतकर पूरे गांव में घुमाया। ये हैवानियत और आतंक की हद है।pic.twitter.com/ji6bLosFFi
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया है और चारों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और अपराधियों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। पीड़ित बच्चों और उनके परिवार वालों को न्याय दिलाने की बात कही जा रही है, लेकिन इस घटना ने समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और हिंसा की पुरानी समस्याओं को फिर से उजागर कर दिया है।
समाज में गुस्सा और आक्रोश
इस क्रूर घटना के बाद दलित समुदाय और अन्य सामाजिक संगठनों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस प्रकार की घटनाएं देश की सामूहिक सामाजिक संरचना और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।
बहराइच की यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के उस हिस्से का चेहरा है जो आज भी जातिवाद और असमानता के जाल में जकड़ा हुआ है। प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर ऐसे अपराधों को रोकने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।