सवर्ण इतिहासकारों के पास बहुत बड़ा कलेजा है क्योंकि इतना बड़ा झूठ लिखने के लिए सच में बहुत साहस चाहिए: क्रांति कुमार

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर 2024 - क्रांति कुमार, जो सोशल मीडिया पर ऐतिहासिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने बेबाक विचारों के लिए मशहूर हैं, ने हाल ही में X (पहले ट्विटर) पर एक महत्वपूर्ण पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा गढ़ी गई 'आर्य आक्रमण सिद्धांत' पर तीखा प्रहार किया और इसे "झूठा इतिहास" करार दिया।

 ब्रिटिश साम्राज्य की ऐतिहासिक गाथा पर सवाल

क्रांति कुमार ने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य में यह स्थापित करने की होड़ लगी थी कि ब्राह्मण यूरोपीय मूल के आर्य हैं। उन्होंने बताया कि कैसे 19वीं और 20वीं सदी में लिखा गया कि लगभग 3500 साल पहले आर्यों का भारत में आगमन हुआ। "किसी ने लिखा कि आर्यों का आक्रमण हुआ। आर्य एक पशुपालक जाति थी, जब उनका भारत में प्रवेश हुआ, तब इस भूमि पर असुर, राक्षस, दास, और पिशाच जैसी जातियां निवास करती थीं," उन्होंने लिखा।

इतिहासकारों पर आरोप

कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि ब्रिटिश और सवर्ण इतिहासकारों ने इस "झूठे इतिहास" को गढ़ा। उन्होंने बताया कि कैसे यह सिद्धांत गढ़ा गया कि भारत के मूलनिवासियों की कोई संस्कृति नहीं थी और न ही उन्हें किसी धर्म की संज्ञा दी जा सकती थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "इतिहासकारों ने निष्कर्ष निकाला कि आर्य ब्राह्मण ही थे जिन्होंने संस्कृत साहित्य, धर्म और सभ्यता की नींव इस 'अंधेरे महाद्वीप' पर प्रज्वलित की थी।"

 मौर्य और सिंधु घाटी सभ्यता का संदर्भ

अपने पोस्ट में, कुमार ने मौर्य साम्राज्य का जिक्र करते हुए कहा कि आर्यों के आगमन के समय भारत पहले से ही एक समृद्ध देश था, जिसमें शक्तिशाली मौर्य साम्राज्य और बौद्ध सभ्यता का वर्चस्व था। उन्होंने सम्राट अशोक के नेतृत्व की चर्चा करते हुए बताया कि उस समय ग्रीस, स्पार्टा, एथेंस, और मैसेडोनिया जैसे साम्राज्य भारत से भयभीत थे। 

उन्होंने सिंधु घाटी सभ्यता (8000 BC) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक विकसित बौद्ध सभ्यता थी, जिसके व्यापारिक संबंध मेसोपोटामिया और सुमेरिया जैसे प्राचीन सभ्यताओं से थे। "अब सवाल उठता है कि 8000 BC से पहले भारत में कौन सी सभ्यता थी?" इस पर कुमार ने आदिवासी सभ्यता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के मूल निवासी प्रकृति के पूजक थे।

आर्य आक्रमण सिद्धांत: मिथक या सच्चाई?

कुमार ने अपने पोस्ट में यह भी दावा किया कि आर्य भारत में 500 BC के आसपास आए, जब ईरानी आर्य पुत्र डेरियस प्रथम के शासनकाल में पंजाब में बसने लगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उस समय भारत पहले से ही एक समृद्ध और विकसित सभ्यता, धर्म, भाषा, चिकित्सा पद्धति और भोजन संस्कृति के साथ मौजूद था। 

उनके अनुसार, आर्यों द्वारा भारत में सभ्यता की नींव रखने की कहानी एक "मिथक" है, जिसे इतिहासकारों ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। कुमार ने अपने पोस्ट में अंत में लिखा, "सवर्ण इतिहासकारों के पास बहुत बड़ा कलेजा है क्योंकि इतना बड़ा झूठ लिखने के लिए सच में बहुत साहस चाहिए।"

क्रांति कुमार का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो रहा है और इतिहासकारों के बीच इस पर बहस छिड़ी हुई है। उन्होंने भारत के प्राचीन इतिहास और आर्य आक्रमण सिद्धांत पर नए दृष्टिकोण पेश कर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर विभिन्न विशेषज्ञ और इतिहासकार क्या प्रतिक्रियाएं देते हैं। 

Rangin Duniya

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