कानपुर, उत्तर प्रदेश: शहर में दहेज की कुप्रथा एक और निर्दोष जीवन को लील गई। उन्नाव निवासी 24 वर्षीय विवाहिता की शादी के महज एक साल बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया है। मामला कानपुर के चर्चित इंजीनियर उदय मिश्रा से जुड़ा है, जिनकी पत्नी लिटिल मिश्रा की मौत के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
लिटिल मिश्रा की शादी 2023 में कानपुर निवासी उदय मिश्रा से हुई थी, जो पेशे से एक इंजीनियर हैं। शादी के बाद से ही मृतका के परिजनों ने ससुराल वालों द्वारा दहेज को लेकर प्रताड़ित किए जाने की शिकायतें दर्ज कराई थीं। बताया जा रहा है कि शादी के एक साल के भीतर ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग बढ़ा दी गई थी, जिसे पूरा करने में मृतका के परिवार वाले असमर्थ थे।
घटना के दिन, लिटिल ने अपने पिता को फोन कर कहा, "इन्होंने मुझे जहर दे दिया है।" पिता ने तुरंत कानपुर पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तब तक उनकी बेटी की मौत हो चुकी थी। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। मृतका के परिजनों का दावा है कि यह हत्या दहेज के लिए की गई है।
कानपुर में शादी के एक साल बाद ही विवाहिता की जहर खिलाकर जान ले ली गई। इल्ज़ाम पति व अन्य ससुराल जनों पर है। एक साल पहले उन्नाव निवासी लिटिल मिश्रा की शादी कानपुर के इंजिनियर उदय मिश्रा से हुई थी। गत दिवस युवती ने अपने पिता को कॉल करके कहा..' इन्होने मुझे जहर दे दिया है'...कॉल के… pic.twitter.com/JNIwbc88lR
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) October 15, 2024
लिटिल मिश्रा के परिजनों द्वारा कानपुर के संबंधित थाने में पति उदय मिश्रा और अन्य ससुराल जनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित जांच का आश्वासन दिया है। हालांकि, अभी तक ससुराल पक्ष के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
थाना प्रभारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, "हम हर संभव दिशा में जांच कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि मौत का कारण क्या था। फिलहाल ससुराल वालों से पूछताछ की जा रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।"
इस घटना ने समाज में फिर से दहेज प्रथा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में कानून द्वारा दहेज लेना-देना गैरकानूनी है, लेकिन इसके बावजूद यह प्रथा गहरी जड़ें जमा चुकी है। कानपुर जैसे शहर में, जहां शिक्षा और रोजगार की संभावनाएं बेहतर मानी जाती हैं, वहां भी इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं।
लिटिल मिश्रा के पिता का कहना है, "हमने अपनी बेटी की शादी बहुत उम्मीदों के साथ की थी। हमने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज भी दिया था, लेकिन उनकी मांगें बढ़ती गईं। हमें नहीं पता था कि हमारी बेटी को इस तरह से खो देंगे।"
इस मामले ने समाज और परिवारों के सामने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि आखिर कब तक महिलाएं दहेज के लिए अपनी जान गंवाती रहेंगी? शिक्षा और जागरूकता के बावजूद इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि दहेज एक सामाजिक अभिशाप बना हुआ है। महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिए जाने की बात अक्सर की जाती है, लेकिन असलियत में उनके अधिकारों का हनन अभी भी जारी है।
कानपुर की इस घटना ने एक बार फिर से समाज को सोचने पर मजबूर किया है कि दहेज के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करना और उनकी जिंदगी छीन लेना कब तक जारी रहेगा। पुलिस की जांच और कानूनी प्रक्रिया का क्या परिणाम होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दहेज हत्या के दर्दनाक सच को उजागर किया है।