बेंगलुरु में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां 29 वर्षीय महालक्ष्मी की हत्या कर दी गई और उसके शव को 69 टुकड़ों में काटकर फ्रीज में छिपा दिया गया। यह घटना एक तीन मंजिला इमारत के एक कमरे में हुई थी। हत्या के चार दिन बाद, मुख्य आरोपी मुक्ति ने आत्महत्या कर ली।
महालक्ष्मी, जो एक शादीशुदा महिला थी और उसकी एक चार साल की बेटी थी, अपने पति हेमंता दास से अलग रह रही थी। हेमंता ने पुलिस को बताया कि महालक्ष्मी के मोबाइल में कुछ नंबर थे, जिससे उसे शक हुआ कि उसकी पत्नी के जीवन में कोई और है। जब हेमंता ने अपनी पत्नी के दोस्त अशरफ और उसके मैनेजर का नाम लिया, तो पुलिस ने इन तीनों की पूछताछ की। लेकिन प्रारंभिक जांच में यह साबित हो गया कि वे सभी निर्दोष थे।
पुलिस ने महालक्ष्मी के घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और दो संदिग्धों को देखा, जो स्कूटी पर थे। इसके बाद, पुलिस ने मुक्ति रंजन नाम के व्यक्ति का पता लगाया, जो महालक्ष्मी के साथ काम करता था।
पूछताछ में पता चला कि महालक्ष्मी और मुक्ति के बीच में विवाद था। मुक्ति ने महालक्ष्मी को मारने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि महालक्ष्मी उससे पैसे मांग रही थी और शादी के लिए दबाव बना रही थी। 2 सितंबर को दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद मुक्ति ने गुस्से में महालक्ष्मी का गला दबा दिया।
मौत के बाद, मुक्ति ने शव को छिपाने के लिए उसे काटने का निर्णय लिया। उसने 4 सितंबर को एक दुकान से तेज धार वाला हथियार खरीदा और महालक्ष्मी के शव को 69 टुकड़ों में काट दिया। इसके बाद उसने लाश के टुकड़ों को फ्रिज में रख दिया।
मुक्ति ने 24 सितंबर को आत्महत्या कर ली। उसकी आत्महत्या से पहले उसने अपने भाइयों को इस मामले के बारे में बताया। उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने अपनी करतूत का इकरार किया और कहा कि महालक्ष्मी के साथ उसका झगड़ा इतना बढ़ गया कि उसने उसकी हत्या कर दी।
बेंगलुरु पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। मुक्ति के सुसाइड नोट और तीन जिंदा गवाहों की गवाही के आधार पर पुलिस ने हत्या के कारणों को समझने की कोशिश की है। अब सवाल यह है कि क्या महालक्ष्मी की हत्या की वजह केवल पैसों और रिश्तों का तनाव था, या इसके पीछे और भी कारण थे।
इस मामले ने बेंगलुरु में सुरक्षा और रिश्तों के प्रति चिंता बढ़ा दी है। क्या महालक्ष्मी की जान बचाई जा सकती थी, यदि पुलिस समय पर हस्तक्षेप करती? यह सवाल अब भी अनुत्तरित है।