पटना: बिहार में 1998 का चर्चित मामला, जिसमें एक आईएएस अधिकारी की पत्नी चंपा बिस्वास ने RJD नेता हेमलता यादव के बेटे मृत्युंजय यादव पर दो वर्षों तक बलात्कार करने का आरोप लगाया था, एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया पर इस पुराने मामले को फिर से वायरल किया जा रहा है, जिसमें RJD को बदनाम करने का आरोप लगाया जा रहा है। क्रांति कुमार ने हाल ही में X (पूर्व में ट्विटर) पर इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे साजिश करार दिया है।
क्रांति कुमार का कहना है कि "1998 में इस मामले को प्रचारित कर RJD को बदनाम किया गया था और अब फिर से इस कहानी को पॉडकास्ट, फेसबुक, यूट्यूब और X पर वायरल कर राजनीतिक स्वार्थों के लिए RJD के खिलाफ नकारात्मक माहौल तैयार किया जा रहा है।" उनका दावा है कि चंपा बिस्वास द्वारा लगाया गया बलात्कार का आरोप संदिग्ध है और इसमें अफेयर की कहानी की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
क्रांति कुमार के अनुसार, 1998 में पुलिस सूत्रों के आधार पर कुछ अखबारों में यह खबर छपी थी कि चंपा बिस्वास और मृत्युंजय यादव के बीच व्यक्तिगत संबंध थे, और यह आरोप सिर्फ अपने को पाक-साफ दिखाने के लिए गढ़ा गया हो सकता है।
आईएएस अफसर की पत्नी चंपा बिस्वास के बलात्कार की कहानी का 1998 में प्रचार कर तब RJD को बदनाम किया गया था.
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) October 27, 2024
आज फिर उस कहानी को पॉडकास्ट, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर X पर वायरल कर RJD को बदनाम किया जा रहा है.
आईएएस अफसर बीबी बिस्वास की पत्नी चंपा बिस्वास के बलात्कार की कहानी संदिग्ध… pic.twitter.com/8vdTtt43hH
उन्होंने कहा कि इस विवादित कहानी को दोहराने का मकसद RJD की छवि को नुकसान पहुंचाना है, जिससे समाज में जातिगत तनाव पैदा किया जा सके और राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। उनका आरोप है कि "अगड़ी जाति के लोग" इस तरह की झूठी कहानियों को उछालकर बिहार में ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनाने की मंशा रख रहे हैं।
यह मामला न केवल बिहार की राजनीति बल्कि समाज में व्याप्त जातीय और वर्ग संघर्ष को भी उजागर करता है। इस विवाद ने एक बार फिर से पुराने आरोपों और राजनीतिक मंशाओं पर सवाल उठाए हैं।