नोएडा से पटना जा रही स्लीपर बस में लखनऊ की रहने वाली युवती के साथ सहायक चालक ने की अश्लील हरकत, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।
नोएडा, उत्तर प्रदेश: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक स्लीपर बस के सहायक चालक ने एक युवती के साथ बस में छेड़छाड़ की। यह घटना रात करीब 3 बजे की है, जब पीड़िता सीट पर सो रही थी और आरोपी ने इस मौके का फायदा उठाकर उससे अश्लील हरकत की।
यह घटना तब हुई जब नोएडा से पटना जा रही वैशाली ट्रैवल्स की स्लीपर बस में सहायक चालक रिजवान अली ने युवती के साथ बदसलूकी की। पीड़िता, जो दिल्ली से लखनऊ जा रही थी, ने 112 पर फोन कर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 20 किलोमीटर तक बस का पीछा किया और कन्नौज के सौरिख क्षेत्र में बस को रोककर आरोपी को गिरफ्तार किया।
पीड़िता ने बताया कि वह अपनी सीट पर सो रही थी जब सहायक चालक ने उसके साथ बदतमीजी शुरू की। उसने जब शोर मचाया, तो अन्य यात्री जाग गए, लेकिन बस के चालक ने बस रोकने से इंकार कर दिया। इस पर युवती ने तुरंत डायल 112 पर कॉल किया, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से बस का पीछा किया।
इटावा जनपद की पीआरवी पुलिस टीम ने बस का पीछा किया, लेकिन बस कन्नौज जनपद में प्रवेश कर चुकी थी, इसलिए उन्होंने सौरिख थाना क्षेत्र की पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सौरिख कट पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों को सूचना दी, जिन्होंने बस को रोका और आरोपी सहायक चालक को गिरफ्तार कर लिया।
युवती ने पुलिस को पूरी घटना सुनाई और अपने परिवार को भी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि आरोपी को जेल भेजा जा रहा है, और घटना की गंभीरता को देखते हुए एक्सप्रेसवे पर रात की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।
यह घटना एक बार फिर से बसों में सुरक्षा और चेकिंग के अभाव की ओर इशारा करती है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर स्लीपर बसों की रात में कोई चेकिंग नहीं होती है, और अधिकांश बसों में पैनिक बटन भी नहीं होते। एआरटीओ इज्या तिवारी ने कहा कि लंबी दूरी की स्लीपर बसों में कैमरे लगाए जाने चाहिए और बसों की फिटनेस की दोबारा जांच होनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
यह घटना इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करती है कि सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्रशासन द्वारा समय-समय पर सुरक्षा उपायों को लागू करने के साथ ही समाज के हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाए और दोषियों को सजा दिलाने में सहयोग करे।
इस घटना ने एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है, खासकर सार्वजनिक परिवहन में। प्रशासन ने उचित कदम उठाने की बात कही है, लेकिन इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।