गुजरात में दलित उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और दलित नेता हितेंद्र पिथाडिया ने IPS अधिकारी राजकुमार पांडियन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
15 अक्टूबर को मेवाणी और पिथाडिया ने गुजरात के DGP कार्यालय में पांडियन से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने 1980 के दशक में दलितों को आवंटित भूमि पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान पांडियन के कथित अपमानजनक व्यवहार की खबरें सामने आईं, जिसने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया।
गुजरात में दलित उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और दलित नेता के साथ IPS अधिकारी राजकुमार पांडियन के कथित दुर्व्यवहार का आरोप है।
— The News Beak (@TheNewsBeak) October 24, 2024
15 अक्टूबर को मेवाणी और गुजरात कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष हितेंद्र पिथाडिया ने DGP… pic.twitter.com/SaXzlN8kOo
बुधवार को गांधीनगर में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में मेवाणी और अन्य दलित नेताओं ने पांडियन के निलंबन की मांग की। मेवाणी ने कहा, "अगर मुझे कुछ होता है, तो इसके लिए पांडियन जिम्मेदार होंगे।" उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में यह सवाल उठाया, "क्या दलितों की ज़मीन पर कब्जा करने वाले गुंडों पर कार्रवाई करने से पुलिस अधिकारियों को डर लगता है?"
इस बीच, पांडियन ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने बिना देरी के मेवाणी को बुलाया था और कोई शिकायत नहीं मिली। उन्होंने इस मामले को केवल एक नेता और अधिकारी के बीच का मामला बताया, लेकिन यह दलित बनाम दलित की स्थिति में भी बदल गया है।
यह मामला सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई कर रहे दलित नेताओं और सरकारी अधिकारियों के बीच बढ़ती हुई तनाव को दर्शाता है। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस विवाद का समाधान कैसे करती है और क्या पांडियन के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है।