जयपुर, 2 अक्टूबर 2024 – राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजी भाई ने शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली सामने आ रही है। सामान्य वर्ग के लोग सफाई कर्मचारी के पद पर नौकरी तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन जब सफाई का काम करने की बात आती है, तो वे इससे कतराते हैं और झाडू लगाने में शर्म महसूस करते हैं।
उन्होंने बताया कि यह समस्या पूरे देश में उभर कर सामने आई है। वालजी भाई के अनुसार, कई मामलों में देखा गया है कि सफाई कर्मचारी की नौकरी लेने के बाद ये लोग खुद काम करने के बजाय दूसरों को सफाई के लिए रख लेते हैं, और पूरी तनख्वाह खुद उठाते रहते हैं। यह बात उन्होंने जयपुर सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही।
राजस्थान सरकार से मिले आश्वासन
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि राजस्थान सरकार ने इस गंभीर समस्या को सुलझाने के लिए ठोस नीति बनाने का आश्वासन दिया है। इस प्रस्तावित नीति में यह प्रावधान होगा कि सफाई कर्मचारियों के पद पर भर्ती होने के बावजूद काम नहीं करने वालों को बर्खास्त किया जा सकेगा। जल्द ही इस नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा और इसे लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू की जाएगी।
सीवरेज कार्य में लापरवाही से मौत के मामलों पर चिंता
वालजी भाई ने राजस्थान में पिछले 25 वर्षों में सीवरेज कार्य के दौरान हुई मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन हादसों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई है, लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अगले 15 दिनों में शिविर लगाकर मुआवजा वितरित करने की योजना बनाई गई है, जिससे पीड़ित परिवारों को राहत मिल सके।
21000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती जल्द होगी पूरी
प्रेस वार्ता के दौरान आयोग अध्यक्ष ने यह भी बताया कि राजस्थान के विभिन्न स्थानीय निकायों में 21000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अगले एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी, जिससे राज्य में सफाई व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकेगा।
इस घोषणा से सफाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके कार्यस्थल पर निष्पक्षता लाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब सभी की नजरें सरकार की नई नीति पर टिकी हैं, जिससे सफाई कर्मचारियों की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।