मैनपुरी, 25 अक्टूबर 2024: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन संध्या यादव के पति अनुजेश यादव को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करहल विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। यह खबर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, खासकर समाजवादी पार्टी के समर्थकों के बीच, जो इस चुनाव को सपा का गढ़ मानते हैं।
यह खबर इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि करहल विधानसभा क्षेत्र, समाजवादी पार्टी के लिए हमेशा से एक मजबूत सीट रही है। यहां से पूर्व में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी विधायक रह चुके हैं। अनुजेश यादव का भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना, सपा के परिवार और रिश्तेदारों के भीतर राजनीतिक ध्रुवीकरण की ओर संकेत करता है।
सपा पर आरोप:
भाजपा के प्रवक्ता और अन्य नेताओं ने इस घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को अक्सर भाजपा की 'बी टीम' कहती है, लेकिन सपा के कई नेता और उनके परिवार के सदस्य खुद भाजपा में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। "जब सपा वाले बसपा को बी टीम कहते हैं, तो उनके अपने परिवार के सदस्य भाजपा को जिताने में जुटे रहते हैं," एक भाजपा नेता ने टिप्पणी की।
धर्मेंद्र यादव के परिवार के कई सदस्य, रिश्तेदार, और भाभी-बहन इस समय भाजपा के साथ जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं। अनुजेश यादव का भाजपा में शामिल होना और करहल से टिकट मिलना इस बदलती राजनीतिक समीकरण की एक और कड़ी है।
करहल का चुनावी समीकरण:
करहल विधानसभा क्षेत्र, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव की जीत का गवाह बना था, लेकिन अब वहां मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। भाजपा, इस बार करहल में एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में अनुजेश यादव को मैदान में उतारकर सपा को चुनौती देने की तैयारी में है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अनुजेश यादव का भाजपा से चुनाव लड़ना, स्थानीय स्तर पर समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, सपा का पारंपरिक वोट बैंक और अखिलेश यादव की लोकप्रियता करहल में मजबूत मानी जाती है, लेकिन इस नए दांव से भाजपा को लाभ मिल सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के चुनाव में धर्मेंद्र यादव और उनका परिवार किस प्रकार से राजनीति में अपनी भूमिका निभाता है, और करहल की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।