मुंबई, 10 अक्टूबर 2024 - भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 वर्ष की उम्र में 9 अक्टूबर की रात निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। रतन टाटा के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत का एक ऐसा नाम है, जो अपनी व्यावसायिक कुशलता के साथ-साथ अपनी विनम्रता और समाजसेवा के लिए भी प्रसिद्ध थे।
रतन टाटा का उद्योग जगत में योगदान
रतन टाटा का नाम भारतीय उद्योग जगत में सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली नामों में शामिल है। उन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और भारत में बिजनेस का अर्थ ही बदल दिया। उन्होंने न केवल व्यवसाय को सफल बनाया, बल्कि अपने व्यवसायिक दृष्टिकोण में समाज कल्याण और नैतिकता को भी सर्वोच्च स्थान दिया।
रतन टाटा की अगुवाई में टाटा ग्रुप ने कई बड़े अधिग्रहण किए, जिनमें टाटा मोटर्स द्वारा जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण और टाटा स्टील द्वारा यूरोपीय स्टील कंपनी कोरस का अधिग्रहण शामिल है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाइटन, और टाटा पावर जैसी कंपनियों के नेतृत्व में उन्होंने टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख कंपनी बनाया।
रतन टाटा की संपत्ति
रतन टाटा के निधन के बाद, उनकी संपत्ति और उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। रतन टाटा की कुल संपत्ति का अनुमान $5.4 बिलियन (लगभग 3,800 करोड़ रुपये) के आसपास लगाया जाता है। हालांकि, उनकी अधिकांश संपत्ति टाटा ट्रस्ट के तहत आती है, जो टाटा समूह की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी का मालिक है। टाटा ट्रस्ट से होने वाली आय का उपयोग समाज कल्याण के कार्यों में किया जाता है, जिससे रतन टाटा की व्यक्तिगत संपत्ति की तुलना में टाटा ग्रुप का सामूहिक धन कहीं अधिक दिखाई देता है।
टाटा ग्रुप की सामूहिक संपत्ति
टाटा समूह की कुल बाजार पूंजीकरण 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 24 लाख करोड़ रुपये) से अधिक है। इस समूह में टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, TCS, टाइटन, टाटा पावर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं, जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। टाटा ग्रुप न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है, और इसके विभिन्न उद्योगों में बड़े पैमाने पर योगदान के कारण इसका स्थान अद्वितीय है।
उत्तराधिकारी कौन होगा?
रतन टाटा के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। माया टाटा को रतन टाटा की विरासत को संभालने के लिए सबसे प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है। माया, रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा और साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री की बेटी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि रतन टाटा उन्हें समूह का नेतृत्व करने के लिए तैयार कर रहे थे, और वे ही टाटा समूह की विरासत को आगे बढ़ा सकती हैं।
रतन टाटा अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो न केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाजसेवा और मानवता की सेवा के प्रति भी गहरी प्रतिबद्धता दिखाती है। उनका जीवन और उनके योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे।