कानपुर: कानपुर के इतिहास में एक अद्वितीय ठगी की घटना ने शहर को हिलाकर रख दिया है, जहां एक पति-पत्नी की जोड़ी, राजीव दुबे और रश्मि दुबे, ने ‘Revival World’ नामक थेरेपी सेंटर के जरिए बुजुर्गों को 60 साल से 25 साल का बनाने का दावा किया और इस झूठी योजना के जरिए लगभग 35 करोड़ रुपये ठगकर फरार हो गए हैं।
इस केस को फिल्मी 'बंटी और बबली' की कहानी के समकक्ष माना जा रहा है, जिसमें मासूम जनता को समय की मशीन द्वारा युवा होने का सपना दिखाकर ठग लिया गया। केंद्र ने दावा किया था कि उनके पास इज़राइल से आयातित एक विशेष मशीन है, जो बुजुर्गों के शरीर की कोशिकाओं को फिर से जवान कर देगी।
फर्जी मशीन, बड़े सपने
राजीव और रश्मि ने बड़े-बड़े विज्ञापन और मार्केटिंग योजनाओं के तहत ‘Revival World’ का प्रचार किया। इस मशीन को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के रूप में बताया गया, जो कि शरीर की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करके व्यक्ति को फिर से जवान बना सकती है। उन्होंने यह दावा किया कि मशीन से 60 साल का व्यक्ति भी 25 साल का महसूस करेगा।
कानपुर की व्यवसायी रेणु सिंह चंदेल ने सबसे पहले शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच शुरू की गई। उन्होंने बताया कि यह जोड़ी काफी भरोसेमंद तरीके से अपनी योजना पेश करती थी और इज़राइल से मशीन मंगवाने की बात कहकर लोगों को ठगा। राजीव दुबे ने 'Anytime Fitness' की फ्रैंचाइज़ी का मालिक होने का दावा किया, जिससे लोग उन पर और भी ज्यादा भरोसा करने लगे।
35 करोड़ की ठगी, हजारों लोग प्रभावित
शुरुआत में, ग्राहकों से केवल 6000 रुपये की मामूली फीस ली गई थी। परंतु जल्द ही इसका मूल्य 90,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया, यह दावा करते हुए कि थेरेपी महंगी हो जाएगी और जल्दी बुकिंग करने पर भारी लाभ होगा। हजारों लोगों ने इस उम्मीद में अपने पैसे जमा किए कि वे भविष्य में इसका लाभ उठा सकेंगे।
जैसे-जैसे यह सेंटर प्रसिद्ध होता गया, लोगों ने लाखों रुपये इन्वेस्ट किए। रेणु सिंह चंदेल ने 35 लाख रुपये व्यक्तिगत रूप से निवेश किए और कहा कि उनके साथ 700-800 लोगों ने इस योजना में भाग लिया।
फर्जी मशीन और धोखा
धीरे-धीरे, लोगों को एहसास हुआ कि जिस मशीन की बात की जा रही थी, वह कोई विदेशी तकनीक नहीं, बल्कि एक स्थानीय वेल्डिंग की गई मशीन थी। सेंटर पर डॉक्टरों और योग्य स्टाफ की अनुपस्थिति में मशीन ठीक से काम नहीं कर रही थी। एक बार तो मशीन में गैस का रिसाव हो गया, जिससे कई लोगों का चेहरा सफेद पड़ गया और सभी डर गए।
फरार ठग दंपत्ति, पुलिस की जांच जारी
जब लोगों ने अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए, तो राजीव और रश्मि दुबे ने उन्हें झूठे वादों पर टालना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, उनके सभी फोन बंद हो गए और सेंटर को बंद कर दिया गया। पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु अब तक वे फरार हैं।
सबक: जांच-परख के बाद ही निवेश करें
इस मामले ने कानपुर के लोगों को सचेत किया है कि किसी भी नए निवेश या चिकित्सा संबंधी थेरेपी में भाग लेने से पहले पूरी जानकारी और जांच करना आवश्यक है। 35 करोड़ की इस धोखाधड़ी ने यह साबित किया है कि बड़ी-बड़ी योजनाओं और सपनों के पीछे अक्सर धोखा छिपा होता है।
यह कहानी एक अद्वितीय उदाहरण है कि कैसे विश्वास और सपने का लाभ उठाकर मासूम लोगों को ठगा जा सकता है। पुलिस जांच जारी है और जल्द ही दोषियों को पकड़ा जाएगा।