उत्तरकाशी, उत्तराखंड – उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को मस्जिद को अवैध बताते हुए एक रैली का आयोजन करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। यह रैली **संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल** द्वारा आयोजित की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य मस्जिद को अवैध निर्माण बताकर उसे हटाने की मांग करना था।
रैली के दौरान स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। इस हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए।
संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल के सैकड़ों समर्थक मंगलवार को उत्तरकाशी में एकत्र हुए और मस्जिद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मस्जिद का निर्माण गैरकानूनी रूप से किया गया है, और इसे हटाया जाना चाहिए। जब प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद के पास पहुँचने की कोशिश की, तब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।
हालांकि, इस दौरान दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया, और कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव के कारण कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मस्जिद को अवैध बताते हुए रैली निकाल रहे प्रदर्शनकारियों (संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल) पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस पर पथराव भी हुआ है, इसमें कुछ पुलिसवाले घायल हुए हैं। pic.twitter.com/Xc2FoPkzOe
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 24, 2024
स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और शांति बनाए रखने की अपील की है। उत्तराखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमने स्थिति को संभालने के लिए न्यूनतम बल का प्रयोग किया है। किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
इस घटना के बाद राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है, जबकि अन्य ने प्रदर्शनकारियों की हिंसा को अस्वीकार्य बताया है। राज्य सरकार ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि कानून के दायरे में रहकर सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
उत्तरकाशी में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, और पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
इस घटना ने धार्मिक और सामाजिक तनाव को और बढ़ा दिया है, और आने वाले दिनों में इस मामले पर राजनीतिक और सामाजिक हलचल बढ़ने की संभावना है।