इस्लामाबाद, 06 अक्टूबर 2024 — पाकिस्तान ने इजरायल को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर इजरायल ने पाकिस्तान के क्षेत्र पर हमला किया तो उसके खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा। पाकिस्तान की सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इस बयान में कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और हर प्रकार के हमले का निर्णायक उत्तर दिया जाएगा।
हाल के हफ्तों में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बढ़ते संघर्ष ने पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस तनावपूर्ण माहौल में पाकिस्तान की चेतावनी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है, विशेषकर उन देशों का जो परमाणु शक्ति संपन्न हैं। पाकिस्तान और इजरायल के बीच ऐतिहासिक रूप से सीधे सैन्य टकराव का रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन इस प्रकार की चेतावनी से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी अप्रत्याशित स्थिति में हालात अत्यधिक गंभीर हो सकते हैं।
इजरायल और पाकिस्तान के संबंध
गौरतलब है कि पाकिस्तान और इजरायल के बीच कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। पाकिस्तान ने हमेशा फिलिस्तीन के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की है और इजरायल की नीतियों की आलोचना करता रहा है। इजरायल के साथ उसके रिश्ते खासतौर पर फिलिस्तीन मुद्दे को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं, और इस्लामी देशों के समूह में पाकिस्तान एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
🚨BREAKING NEWS:-
— Asad Nasir (@asadnasir2000) October 5, 2024
🇵🇰 Pakistan says that if 🇮🇱 Israel attacks its territory, ☢️ nuclear weapons will be used against them. pic.twitter.com/H3Nq3wKfnJ
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
पाकिस्तान के इस बयान के बाद विश्व समुदाय में हलचल मच गई है। संयुक्त राष्ट्र और प्रमुख पश्चिमी देशों ने तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी से क्षेत्रीय स्थिरता को बड़ा खतरा हो सकता है और यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती उत्पन्न कर सकता है।
पाकिस्तान ने यह स्पष्ट किया है कि वह शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है, लेकिन यदि उसकी संप्रभुता पर कोई हमला होता है तो वह अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांतों के अनुरूप कार्रवाई करेगा। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा, "हम किसी भी प्रकार की आक्रामकता का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे, चाहे वह परमाणु विकल्प ही क्यों न हो।"
इस घोषणा के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय राजनीति कैसे विकसित होती है। विश्व के नेता अब इन जटिल हालात को ध्यान में रखते हुए समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई बड़ी त्रासदी न हो और स्थिरता कायम रहे।