आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने दुनियाभर में तहलका मचा रखा है। शिक्षा, तकनीक, संपर्क और अन्य क्षेत्रों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। लेकिन हाल ही में हुई एक नई रिसर्च ने यह साबित कर दिया है कि एआई अब इंसानों के दिमाग को पढ़ने में भी सक्षम हो सकता है। आइए जानते हैं इस नई खोज के बारे में और कैसे यह तकनीक भविष्य में हमारी दुनिया को बदल सकती है।
दिमाग के विचारों को पढ़ने में सक्षम एआई मॉडल
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एआई मॉडल विकसित किया है, जो इंसानों के दिमाग में क्या चल रहा है, इसे पढ़ सकता है। यह तकनीक दिमागी गतिविधियों को सीधे टेक्स्ट में बदल सकती है, जिससे लोगों के विचारों को जानना संभव हो सकेगा। इस मॉडल पर हुए प्रयोग के दौरान, जब एक व्यक्ति ने कहा कि उसने अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं लिया है, तो एआई ने इसे "ड्राइविंग सीखना शुरू नहीं किया है" के रूप में समझा। यह मॉडल केवल एक व्यक्ति के विचारों को ही नहीं, बल्कि उनके संक्षिप्त अंशों को पकड़ने में भी सक्षम है।
इस शोध को प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर न्यूरोसाइंस में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तकनीक दिव्यांग और लकवाग्रस्त लोगों की मदद कर सकती है। पहली बार, बिना किसी ब्रेन इम्प्लांट के ही दिमागी विचारों को टेक्स्ट में परिवर्तित किया गया है, जो मस्तिष्क विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
सपनों पर नियंत्रण: 'मैजिक ग्लव्स' का अनोखा प्रयोग
सपनों पर नियंत्रण करने का सपना इंसान सदियों से देखता आया है, लेकिन अब यह संभव होता दिख रहा है। अमेरिका की MIT यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस, जिसे ‘मैजिक ग्लव्स’ कहा जाता है, का प्रयोग किया है। यह ग्लव्स न केवल नींद का ट्रैक रखता है, बल्कि इसे पहनने वाले व्यक्ति को मनचाहा सपना दिखाने की क्षमता भी रखता है। प्रयोग के दौरान, इन ग्लव्स को पहने हुए लोगों को उनके कान में हल्की आवाज में निर्देश दिए गए, और जैसे ही वे गहरी नींद में गए, उन्हीं निर्देशों के अनुसार उन्होंने सपने देखे।
इस अध्ययन में पाया गया कि 10 में से 9 लोगों ने ठीक वही सपना देखा, जो उन्हें निर्देशों में सुनाया गया था। इस अनोखी तकनीक का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह मानव मस्तिष्क की क्षमता को समझने और बढ़ाने में भी मददगार हो सकती है।
संभावनाएं और चुनौतियां
यह तकनीक मनुष्य के दिमाग में चल रहे विचारों को सीधे पढ़ने में सक्षम तो है, पर इसे संपूर्ण रूप में समझने के लिए और शोध की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक व्यक्ति के विचारों के कुछ हिस्सों को ही पकड़ सकती है, पूरे विचारों को नहीं। इसके बावजूद, इसका उपयोग विशेष रूप से मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की मदद के लिए किया जा सकता है, जो उन्हें अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का एक नया तरीका प्रदान करेगा।
इस क्रांतिकारी एआई तकनीक ने यह साबित कर दिया है कि विज्ञान और तकनीक के साथ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।