हाल ही में मध्यप्रदेश के महू स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में एक गरबा कार्यक्रम के दौरान दलित और आदिवासी छात्रों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया। हमलावरों ने इन छात्रों को मुस्लिम समझकर उन पर बर्बर हमला किया। ट्राइबल आर्मी, जो हाशिए पर मौजूद समुदायों के अधिकारों के लिए आवाज उठाती है, ने इस हमले की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कड़ी निंदा की है।
संस्था ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे "बेहद चिंताजनक" बताया, साथ ही कहा कि यह देश में फैल रही नफरत की स्पष्ट तस्वीर पेश करती है। बयान में कहा गया, "हम धर्म की आड़ में असामाजिक तत्वों द्वारा दलित-आदिवासी छात्रों पर किए गए इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। इस घटना ने न केवल छात्रों की सुरक्षा को खतरे में डाला है, बल्कि सामाजिक सौहार्द्र पर भी गहरा आघात किया है।"
मध्यप्रदेश के महू स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में दलित-आदिवासी छात्रों पर गरबा कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मुस्लिम बताकर किए गए बर्बर हमले की हम तीव्र निंदा करते हैं। यह घटना बेहद चिंताजनक और देश में फैली नफरत की स्पष्ट… pic.twitter.com/jjjDNpxVQM
— Tribal Army (@TribalArmy) October 9, 2024
ट्राइबल आर्मी ने खास तौर पर इस बात पर नाराजगी जताई कि घटना के 48 घंटे बीत जाने के बावजूद अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। "सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि 48 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जो प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है," बयान में कहा गया। उन्होंने सरकार और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की, ताकि सभी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस हमले ने शैक्षणिक संस्थानों में हाशिए के समुदायों के छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक अशांति के इस दौर में। ट्राइबल आर्मी का यह बयान एकजुटता और इन मुद्दों को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील के रूप में देखा जा रहा है, ताकि देश में सामाजिक सौहार्द्र की रक्षा की जा सके।
प्रशासन की ओर से इस घटना की जांच के संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस घटना ने सामाजिक न्याय समूहों और नागरिक समाज में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है।