लखनऊ - लखनऊ के चिनहट थाने के लॉकअप रूम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक व्यक्ति मोहित पांडे की पीठ सहलाते हुए नजर आ रहा है, जबकि दूसरा व्यक्ति गेट से बाहर मदद मांगने की कोशिश कर रहा है। यह वीडियो उस वक्त का है जब मोहित पांडे की हालात गंभीर थी, और अगर समय पर पुलिस ने मदद की होती, तो शायद उसकी मौत टल सकती थी।
पांडे की मौत ने पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मोहित को पुलिस ने एक मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई। लॉकअप के इस वीडियो ने घटना की गंभीरता को और बढ़ा दिया है और इसे लेकर लोगों में रोष है।
लखनऊ चिनहट थाने के लॉकअप रूम का वीडियो आया सामने जिसमें देखा जा रहा है कि एक आदमी मोहित कि पीठ सहला रहा है दूसरा आदमी गेट से मदद मांगने की कोशिश कर रहा है अगर समय पर पुलिस मदद कर दी होती तो मोहित पांडे की मौत न हुई होती
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) October 27, 2024
मोहित पांडे की मौत पुलिस के लिए कई बड़े सवाल खड़े कर दिए pic.twitter.com/N9OdcggLkM
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण मोहित की मौत हुई। मोहित के परिवार वालों ने न्याय की मांग की है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी।
इस घटना पर पुलिस विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी। पुलिस की कार्रवाई और मोहित पांडे की मौत के पीछे के कारणों की विस्तृत जांच की जाएगी, ताकि इस तरह की घटनाओं से भविष्य में बचा जा सके।
इस घटना ने न केवल चिनहट थाने की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि यह पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी और मानवता के प्रति संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाता है। नागरिक समाज और मानवाधिकार संगठनों ने भी मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
मोहित पांडे की मौत एक त्रासदी है और यह एक बार फिर दर्शाता है कि पुलिस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, ताकि ऐसे दुखद और संवेदनहीन घटनाओं से बचा जा सके।