हाल ही में क्रांति कुमार ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए रामभद्राचार्य के मंच पर हुई एक घटना पर नाराजगी जताई। इस घटना में रामभद्राचार्य ने सार्वजनिक मंच से अभिनव अरोरा को अपमानित करते हुए नीचे उतार दिया। अभिनव अरोरा, जो एक बच्चे के रूप में भक्ति कर रहा था, को इस प्रकार अपमानित करना क्रांति कुमार के अनुसार हिंदू एकता के लिए गंभीर खतरा है।
क्रांति कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा, "अभिनव अरोरा एक बच्चा है और उसका पूरा नियंत्रण उसके पिता के हाथों में है। वो मंच पर केवल भक्ति कर रहा था। रामभद्राचार्य का उसे मंच से उतारने का व्यवहार अनुचित था।" उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना हिंदू समाज में एकता को कमजोर करने वाली है।
अभिनव अरोरा के पिता की हमने जो गलतियां पकड़ी उसपर लिखा. लेकिन रामभद्राचार्य के मंच पर अभिनय अरोरा गलत नही है.
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) October 24, 2024
अभिनव अरोरा बच्चा है, इस बच्चे का पूरा नियंत्रण उसके पिता के हाथों में है. वो मंच पर भक्ति कर रहा था. रामभद्राचार्य ने अभिनव अरोरा को अपमानित करते हुए मंच से उतार दिया.… pic.twitter.com/5wWkbZAQS5
क्रांति कुमार ने रामभद्राचार्य के जातिवादी बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "रामभद्राचार्य अक्सर आरक्षण के खिलाफ बोलते हैं और जाति और वर्ण व्यवस्था को बढ़ावा देने वाले बयान देते हैं। उन्होंने ब्राह्मणों के बीच भी भेदभाव की बात कही है, जिसमें उन्होंने उपाध्याय, चौबे, त्रिगुणाईत, दीक्षित और पाठक को 'नीच ब्राह्मण' कहा।" यह बयान उन्होंने कैमरे पर दिया था, जिससे समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है।
क्रांति कुमार ने सवाल उठाया कि इस प्रकार के विभाजनकारी और जातिवादी बयान हिंदू एकता को मजबूत करेंगे या कमजोर करेंगे। उनके अनुसार, ऐसे बयान न केवल समाज में असमानता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज के भीतर एकता के ताने-बाने को भी तोड़ने का काम करते हैं।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। लोग रामभद्राचार्य के बयानों और व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं और उनके प्रभाव पर चर्चा कर रहे हैं।