अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अडानी समूह के खिलाफ नए आरोपों ने तूफान मचा दिया है। विसल ब्लोअर नेल्सन एमेनिया ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि अडानी ग्रुप के खिलाफ जानकारी साझा करने के बाद उनकी जान को खतरा है। एमेनिया का आरोप है कि अडानी समूह ने केन्या के नैरोबी एयरपोर्ट को 30 साल के लिए लीज पर लेने की प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन किया है, और इस डील को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
केन्या की डील में अनियमितता
नेल्सन एमेनिया का कहना है कि केन्या सरकार ने नैरोबी एयरपोर्ट के टेंडर की कंपटीटिव बिडिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंगापुर और दक्षिण अमेरिकी कंपनियों की रुचि होने के बावजूद अडानी समूह को इस प्रोजेक्ट के लिए बिना सही प्रक्रिया के चुना गया। एमेनिया ने यह भी बताया कि अडानी ने इस डील के तहत एयरपोर्ट की संचालन फीस को 52% तक बढ़ाने की योजना बनाई थी, जिसका सीधा असर स्थानीय यात्रियों और विमान कंपनियों पर पड़ता।
Very SHOCKING 📢
— Deep Aggarwal (@DeepAggarwalinc) October 4, 2024
अडानी ने अफ्रीकी #केन्या के विसल ब्लोअर #नेल्सन_अमनिया को जान से मारने की धमकी दी?
मोदी ने केन्या सरकार पर दबाव डाल कर अडानी को नैरोबी एयरपोर्ट का 30 साल के लिए ठेका दिलाया था आज नेल्सन अमनिया ने भांडा फोड़ दिया था कि ये ठेका देने में नियमों का पालन नही हुआ… pic.twitter.com/hNGUot4aiE
इंटरनेशनल विरोध और बड़े खुलासे
इस डील के उजागर होने के बाद, नैरोबी एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने हड़ताल की और संसद में जांच की मांग की गई। अडानी समूह की इस डील के खिलाफ बढ़ते विरोध के चलते बांग्लादेश, श्रीलंका और अफ्रीकी देशों में भी अडानी के साथ की जाने वाली डील्स को रद्द किया जा रहा है। एमेनिया ने यह खुलासा भी किया कि अडानी इस एयरपोर्ट को 30 साल के लिए पट्टे पर लेने के बाद भी 18% इक्विटी अपने पास रखना चाहते थे, जो केन्या के नागरिकों के हितों के खिलाफ था।
भारत में अडानी समूह पर भी आरोप
भारत में भी अडानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोप लग रहे हैं। चाहे एयरपोर्ट्स, पोर्ट्स या बिजली के टेंडर हों, अडानी समूह पर नियमों का उल्लंघन कर उन्हें बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स दिए जाने का आरोप है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप एक्ट 2021 के तहत, जिस भी कंपनी को टेंडर मिलता है, उसके खिलाफ पिछले 5 साल में कोई कोर्ट केस नहीं होना चाहिए, लेकिन अडानी के खिलाफ कई आरोप और घोटाले चल रहे हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के भी मामले शामिल हैं।
विसल ब्लोअर की सुरक्षा पर सवाल
नेल्सन एमेनिया द्वारा किए गए खुलासों के बाद, उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कहा है कि अडानी समूह के खिलाफ जानकारी साझा करने के बाद उनकी जान को खतरा है। यह पहली बार नहीं है जब अडानी समूह से जुड़े घोटाले सामने आए हैं। भारत में भी अडानी पर कई आरोप लगते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से किसी जांच एजेंसी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
अडानी और बीजेपी के बीच संबंध
रिपोर्ट्स में आरोप लगाए गए हैं कि अडानी समूह और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच गहरे संबंध हैं। मुंद्रा पोर्ट पर जब 3000 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी, तब भी जांच एजेंसियों ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। विपक्षी दलों का आरोप है कि अडानी समूह के हर फैसले से बीजेपी को लाभ होता है, जबकि आम जनता को नुकसान।
अडानी समूह से जुड़े इन गंभीर खुलासों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। यदि विसल ब्लोअर के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह अडानी समूह के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। भारत में भी अडानी समूह पर लगे आरोपों की सच्चाई को उजागर करने के लिए मांग बढ़ रही है।
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