सना, यमन | 6 अक्टूबर 2024: हौथी-नियंत्रित यमन से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, इज़राइल द्वारा किए गए हमलों में यमन के सभी तीन प्रमुख बिजली स्टेशनों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। इन हमलों से यमन की बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है, और देश निकट भविष्य में पूरी तरह से बिजली से वंचित होने के कगार पर खड़ा है।
हौथी विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित इस क्षेत्र के बिजली स्टेशन इज़राइली हमलों का सीधा निशाना बने, जिसके परिणामस्वरूप यमन में व्यापक अंधकार का खतरा मंडरा रहा है। जानकारों का मानना है कि बिजली की इस कमी से यमन का बुनियादी ढांचा और दैनिक जीवन पूरी तरह ठप हो सकता है, और देश मध्ययुगीन युग जैसी स्थिति में लौट सकता है।
Breaking: Reports from Houthi-controlled Yemen indicate that all three power stations have been completely destroyed by Israel's 🇮🇱 attack yesterday.
— Royal News (@sanatani_Anant) September 30, 2024
For the foreseeable future, Houthi-controlled Yemen will be totally out of electricity, i.e., back to medieval age. pic.twitter.com/XLBf8Uo1O3
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि इन हमलों से न केवल बिजली स्टेशन नष्ट हुए हैं, बल्कि यमन की जनता पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। देश में स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा प्रणाली, और पानी की आपूर्ति जैसे आवश्यक क्षेत्रों पर भारी संकट छा जाएगा। यमन पहले से ही एक भीषण मानवीय संकट से गुजर रहा है, और अब यह नया संकट स्थिति को और भी विकराल बना सकता है।
हौथी विद्रोही समूह और इज़राइल के बीच हालिया तनाव में वृद्धि ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरे पैदा किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना की निंदा की है, और कई देशों ने हौथी-नियंत्रित यमन में बढ़ते मानवीय संकट पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है ताकि यमन में बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
यदि यमन की बिजली आपूर्ति जल्द बहाल नहीं होती, तो देश को कई हफ्तों या महीनों तक बिजली के बिना रहना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा, और यमन का बुनियादी ढांचा गंभीर रूप से प्रभावित होगा।
इस स्थिति में, सवाल उठता है कि क्या यमन जल्द ही अपने आप को इस संकट से बाहर निकाल पाएगा या फिर उसे एक लंबे अंधकारमय दौर का सामना करना पड़ेगा। इज़राइल और हौथियों के बीच बढ़ते संघर्ष ने यमन को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है, और इस संकट का समाधान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समर्थन और प्रभावी कूटनीति पर निर्भर करेगा।