**श्रावस्ती: मुस्लिम युवक के विवादित बयान का वीडियो वायरल, हंगामा बढ़ा**
श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश – एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक मुस्लिम युवक द्वारा दिए गए विवादित बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो श्रावस्ती का है, जिसमें युवक यह कहते हुए दिखाई दे रहा है, "मैं तो कहता हूँ 80 करोड़ हो, 80 लाख हो या फिर 80 अरब हों, अगर मोहम्मद की बात आ जाए तो मैं 80 करोड़ को पैर की नोक पर रखता हूँ।"
इस बयान ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर विवाद उत्पन्न कर दिया है। कई लोगों ने इसे अपमानजनक और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाला बताया है। बयान में यह भी कहा गया है कि अपने धर्म का पालन करना या मोहम्मद के प्रति आस्था रखना अलग बात है, लेकिन एक समुदाय विशेष के प्रति ऐसी टिप्पणी करना गलत है। भारत में सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन किसी अन्य समुदाय या धर्म के प्रति असहिष्णुता का प्रदर्शन करना न केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द को भी खतरे में डालता है।
मैं 80 करोड़ हिंदुओं को पैर की नोंक पर रखता हूं।
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) October 1, 2024
इस्लाम वादी खुलेआम हिंदुओं धमका रहे हैं?
वीडियो उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती का बताया जा रहा है।@Uppolice @shravastipolice pic.twitter.com/D8Ot1ly2Mm
हिंदू समुदाय के लोगों ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को इस तरह की भाषा का प्रयोग करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का अधिकार नहीं है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर बहस छिड़ी हुई है और लोग इस बयान की निंदा कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने वीडियो का संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के बयान से समाज में अशांति फैल सकती है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर धार्मिक संगठनों और नेताओं की भी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कई लोग इस तरह के बयानों को समाज में नफरत फैलाने का प्रयास बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं की स्वतंत्रता के दायरे में रखने की बात कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि इस मामले पर प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई किस दिशा में आगे बढ़ती है, और क्या इस बयान के बाद श्रावस्ती में शांति और सद्भावना को बनाए रखने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।