काजू भारतीय बाजार में सबसे पसंदीदा और महंगे ड्राई फ्रूट्स में से एक है। इसका उपयोग मिठाइयों से लेकर विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। लेकिन जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ती जा रही है, नकली काजू का बाजार भी फल-फूल रहा है। नकली काजू न केवल आपकी जेब पर बोझ डाल सकते हैं, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, यह जानना बेहद जरूरी है कि असली और नकली काजू की पहचान कैसे करें।
नकली काजू की पहचान के तरीके:
1. रंग: असली काजू का रंग हल्का क्रीम या सफेद होता है। यदि काजू का रंग ज्यादा चमकीला सफेद या पीला दिखे, तो यह संकेत हो सकता है कि उसे चमकाने के लिए केमिकल का उपयोग किया गया है या वह नकली है।
2. आकार और बनावट: असली काजू समान आकार और चिकनी बनावट वाले होते हैं। अगर काजू के आकार में भिन्नता है और बनावट में खुरदरापन या असमानता है, तो यह नकली होने का संकेत हो सकता है।
3. स्वाद: असली काजू में मिठास और क्रीमी स्वाद होता है। नकली काजू का स्वाद हल्का कड़वा या अजीब हो सकता है। यदि स्वाद में कोई अस्वाभाविक कड़वापन हो, तो यह नकली या मिलावट का संकेत है।
4. गंध: असली काजू की हल्की सुगंध होती है, जबकि नकली काजू या मिलावटी काजू में तेज या अजीब गंध हो सकती है। अगर काजू से किसी तरह की तेलीय या अप्राकृतिक गंध आ रही है, तो उन्हें खाने से बचें।
5. तैलीयपन: असली काजू में प्राकृतिक तैलीयपन होता है, लेकिन यह हाथों पर ज्यादा तैलीय नहीं लगते। नकली काजू अधिक तैलीय या चिपचिपे हो सकते हैं क्योंकि उन्हें लंबे समय तक ताजा दिखाने के लिए कृत्रिम तेल से संसाधित किया जा सकता है।
6. दाम: नकली काजू आमतौर पर असली काजू से सस्ते होते हैं। अगर किसी जगह पर काजू बहुत ही सस्ते दाम में बेचे जा रहे हैं, तो उनकी गुणवत्ता पर शक करना सही होगा। बहुत ही कम दामों वाले काजू अक्सर नकली या मिलावटी होते हैं।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव:
- हमेशा भरोसेमंद स्रोतों से काजू खरीदें, खासकर प्रसिद्ध ब्रांड्स या प्रतिष्ठित दुकानों से।
- थोक विक्रेताओं से खरीदते समय सावधानी बरतें और काजू की गुणवत्ता की जांच करें।
- काजू को ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे।
नकली काजू से बचने के लिए सतर्क रहना और उपर्युक्त पहचान के तरीकों का पालन करना बेहद जरूरी है। इस तरह आप न केवल अपने पैसे की बचत करेंगे बल्कि अपनी सेहत की भी सुरक्षा कर पाएंगे।