नई दिल्ली: हिंदू एकता के महत्व पर जोर देते हुए, प्रतीक पटेल, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ के अध्यक्ष, ने हाल ही में एक बयान दिया। उन्होंने कहा, "उस देश में हिंदू को एक होने के लिए बोला जा रहा है, जहां दलितों को मंदिर में जाने पर गंगाजल से धो दिया जाता है।"
पटेल ने यह बयान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जहां उन्होंने भारत में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता की गंभीरता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में जातिवाद और भेदभाव की प्रथा को खत्म करने के लिए हिंदू समुदाय को एकजुट होने की आवश्यकता है।
"उस देश में हिंदू को एक होने के लिए बोला जा रहा है. जिस देश में मंदिर में दलित जाता है तो मंदिर को गंगाजल से धो दिया जाता है."
— The Mooknayak (@The_Mooknayak) October 16, 2024
- प्रतीक पटेल, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ | @PratikVoiceObc pic.twitter.com/jWp3Ige61O
"यह हमारे समाज की एक कड़वी सच्चाई है कि आज भी कई जगहों पर दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता। यह हमारे धर्म के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है," पटेल ने आगे कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ मंदिरों में दलितों के प्रवेश के बाद, गंगाजल से पवित्रता की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो कि अस्वीकार्य है।
उनका कहना है कि हिंदू धर्म की असली भावना समानता और भाईचारे की है। "हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जहां सभी वर्गों के लोग एक साथ आ सकें और बिना किसी भेदभाव के अपने धार्मिक अधिकारों का पालन कर सकें," उन्होंने कहा।
पटेल ने यह भी सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को एकजुट होना चाहिए। "हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत में हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिले," उन्होंने कहा।
यह बयान उस समय आया है जब भारत में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाने के प्रयास तेज हो गए हैं। कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने भी पटेल के विचारों का समर्थन किया है, और इस मुद्दे पर चर्चा को बढ़ाने का आह्वान किया है।
हिंदू एकता के आह्वान के साथ, प्रतीक पटेल ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस तरह के बयान और प्रयास भारतीय समाज में वास्तविक बदलाव ला सकेंगे।