कुशीनगर: आज के समय में ऑनलाइन गेमिंग की लत बच्चों के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसका एक ताजा मामला कुशीनगर के खड्डा थानाक्षेत्र से सामने आया है, जहां कक्षा 7 और 8 में पढ़ने वाले दो बच्चों ने ऑनलाइन गेम खेलते-खेलते अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई के 5 लाख रुपए गंवा दिए। यह घटना एक चेतावनी है कि माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
कैसे सामने आई यह घटना?
खड्डा नगर के निवासी चंद्रशेखर सिंह और उनकी पत्नी को तब इस घटना की जानकारी हुई जब चंद्रशेखर अपने बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए गए। बैंक में फार्म भरने के बाद जब कैशियर ने बताया कि उनका खाता पूरी तरह से खाली हो चुका है, तो चंद्रशेखर के होश उड़ गए। उनके खाते से साढ़े तीन लाख रुपए गायब हो चुके थे। इस चौंकाने वाली जानकारी के बाद उन्होंने अपनी पत्नी के खाते की भी जांच कराई, और वहाँ से भी डेढ़ लाख रुपए गायब पाए गए।
बच्चों ने रची झूठी कहानी
जब चंद्रशेखर ने अपने बेटों, आदित्य सिंह और अंश सिंह, से पैसों के गायब होने के बारे में पूछा, तो बच्चों ने यह दावा किया कि उनके खातों से किसी हैकर ने पैसे निकाल लिए हैं। यह सुनकर चंद्रशेखर और उनकी पत्नी और भी ज्यादा चिंतित हो गए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि इतनी बड़ी रकम अचानक कैसे गायब हो गई।
हालांकि, चंद्रशेखर को यह बात समझ में नहीं आई और उन्होंने अपने इनकम टैक्स अधिवक्ता से इस मामले की जांच करवाई। जब अधिवक्ता ने पूरी जांच की, तो सच्चाई सामने आ गई। यह पाया गया कि उनके दोनों बेटों ने ऑनलाइन गेमिंग में यह पैसा गंवाया था। वे लगातार कई ऑनलाइन बेटिंग गेम्स खेल रहे थे, जिनमें वे पैसे लगाते थे और हारते जा रहे थे।
ऑनलाइन गेमिंग की लत का खतरनाक असर
आदित्य और अंश, जो क्रमशः कक्षा 7 और 8 में पढ़ते हैं, मोबाइल फोन पर ऑनलाइन गेम खेलने के आदी हो गए थे। उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि उनकी यह आदत उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। वे न सिर्फ समय बर्बाद कर रहे थे, बल्कि अपनी मां-बाप की गाढ़ी कमाई भी दांव पर लगा रहे थे।
यह पहली बार नहीं है कि इस तरह का मामला सामने आया है। आजकल ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें कई गेम्स ऐसे हैं जिनमें बेटिंग और रियल मनी का उपयोग किया जाता है। यह बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उन्हें वित्तीय जिम्मेदारियों का ज्ञान नहीं होता और वे केवल गेम जीतने की कोशिश में पैसे लगाते रहते हैं।
माता-पिता के लिए चेतावनी
यह घटना न सिर्फ चंद्रशेखर और उनकी पत्नी के लिए एक दर्दनाक अनुभव साबित हुई, बल्कि यह सभी माता-पिता के लिए एक चेतावनी भी है। आजकल बच्चों के हाथों में मोबाइल और इंटरनेट की उपलब्धता के कारण वे कई बार ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर पहुंच जाते हैं जो उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। खासकर ऑनलाइन गेमिंग के मामलों में, बच्चों को यह समझ में नहीं आता कि वे किस प्रकार की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं और इसके क्या नतीजे हो सकते हैं।
अगर आपका बच्चा भी ऑनलाइन गेम्स खेलता है, तो आपको उसके फोन और इंटरनेट की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। साथ ही, उसे यह समझाना जरूरी है कि ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग किस प्रकार नुकसान पहुंचा सकती है। कई बार, माता-पिता की थोड़ी सी लापरवाही बड़ी घटनाओं का कारण बन सकती है, जैसा कि इस मामले में हुआ है।
भविष्य की सुरक्षा के उपाय
इस घटना से सबक लेते हुए माता-पिता को अपने बैंक खातों की डिटेल्स और पासवर्ड को गोपनीय रखना चाहिए और बच्चों को इसका एक्सेस न देना चाहिए। बच्चों के साथ संवाद कायम करके उन्हें वित्तीय जिम्मेदारियों के बारे में भी समझाना जरूरी है। इसके अलावा, बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान रखना भी आज के समय की एक अहम जरूरत बन चुकी है।
इस प्रकार की घटनाएं यह साबित करती हैं कि इंटरनेट और डिजिटल दुनिया के बढ़ते प्रभाव से बच्चों को सुरक्षित रखना आज के समय की एक बड़ी चुनौती है। सही मार्गदर्शन और निगरानी से ही माता-पिता अपने बच्चों को इस प्रकार के खतरों से बचा सकते हैं।