हरिद्वार के कनखल में 10 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए महंत रामगोविंद दास की हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, हत्या 1 जून 2024 को की गई थी। आज, हरिद्वार पुलिस ने इस केस में चार आरोपियों योगी रामगोपाल नाथ, अशोक, ललित, और संजीव त्यागी को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य आरोपी प्रदीप और सौरभ की तलाश जारी है।
हत्या की योजना और घटना
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अशोक, जो हरिद्वार में कपड़े बेचने का काम करता था, अक्सर महंत रामगोविंद दास के आश्रम में ठहरता था। इस दौरान उसे पता चला कि महंत के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है और उनका कोई वारिस नहीं है। इस जानकारी के बाद अशोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर महंत की हत्या की योजना बनाई।
1 जून 2024 को, महंत को पहले नशे का इंजेक्शन दिया गया और फिर उनका गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद, उनकी लाश को कट्टे में बंद करके गंगा नदी में फेंक दिया गया। हत्या के बाद, अशोक ने कानपुर, उत्तर प्रदेश से योगी रामगोपाल नाथ उर्फ गोपाल सिंह को बुलाकर महंत की गद्दी पर बैठा दिया। इसके बाद, यह गैंग सभी को बताता रहा कि महंत धर्म प्रचार के लिए अयोध्या गए हुए हैं।
चार महीने बाद हुआ खुलासा
महंत रामगोविंद दास के एक पुराने चेले को इस हत्या की जानकारी मिली, जिसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। चार महीने बाद, जब पुलिस ने गहन जांच शुरू की, तब इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। आज, पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन प्रदीप और सौरभ अभी भी फरार हैं।
पुलिस की जांच जारी
हरिद्वार पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। आरोपियों से पूछताछ में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। साथ ही, फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने टीमें गठित की हैं।
संपत्ति विवाद के पीछे हत्या
यह मामला स्पष्ट रूप से संपत्ति हड़पने के इरादे से की गई हत्या का है। महंत रामगोविंद दास का कोई वारिस न होने का फायदा उठाकर आरोपियों ने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।