चित्रकूट, उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार हर गौशाला की व्यवस्था और गौवंशों की सुरक्षा के लिए बड़ी धनराशि देने का दावा करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आती है। ताजा मामला कर्वी तहसील के मकरी पहरा गांव का है, जहां प्रधान सरनाम यादव की देखरेख में चल रही गौशाला की स्थिति दयनीय है।
गांव के निवासियों का कहना है कि गौशाला के चारों ओर सिर्फ लोहे की तार से बाउंड्री की गई है, जो कई जगह से टूट चुकी है। गौवंश रात में बाहर निकल आते हैं और आसपास के किसानों की फसलें चट कर जाते हैं। इस लापरवाही की वजह से किसानों की कड़ी मेहनत और संसाधनों से तैयार की गई फसलें बर्बाद हो रही हैं।
ग्रामीणों के अनुसार प्रधान से शिकायत करने पर उनकी कोई सुनवाई नहीं होती और अक्सर तानाशाही जवाब मिलते हैं। किसानों का कहना है कि खाद, बीज, और सिंचाई के बढ़ते खर्चों के बीच खेती करना मुश्किल हो गया है। बावजूद इसके, अन्ना पशुओं के चलते उनकी मेहनत बेकार जा रही है।
यह स्थिति एक गंभीर सवाल खड़ा करती है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का सपना क्या इस तरह पूरा होगा? ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मामले पर संज्ञान लें ताकि किसानों को राहत मिल सके और गौशाला की व्यवस्थाएं ठीक हों।
(यह खबर मकरी पहरा गांव के स्थानीय निवासियों द्वारा दिए गए तथ्यों पर आधारित है।)