जयपुर: हाल ही में राजस्थान न्यायिक सेवा (RJS) में चयनित हुई पूनम बेड़ा को लेकर सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो गया, जिसमें उन्हें डीडवाना तहसील के लोरोली कला गांव के निवासी भेराराम बेड़ा की बहन बताया गया। इस दावे की सच्चाई जानने के लिए किए गए फैक्ट-चेक में सामने आया कि यह दावा गलत है।
दरअसल, मूल रूप से नागौर जिले की जायल तहसील के कठौती गांव की निवासी पूनम बेड़ा ने NLU जोधपुर से कानून की पढ़ाई की है और वर्तमान में वनस्थली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। कल जब RJS परीक्षा का परिणाम जारी हुआ, तब भेराराम बेड़ा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें अपनी ‘छोटी बहन’ बताकर बधाई दी। इसके बाद यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
राजस्थान न्यायिक सेवा RJS में चयनित हुई पूनम बेड़ा पर फैक्ट चेक
— Ashok Meghwal (@AshokMeghwal_) October 28, 2024
आखिर कौन है पूनम बेड़ा जो कल से चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्यों कोई इसे अपनी बहिन बता कर वाह वाही लूटना चाह रहा है?
इस मामले में फैक्ट चेक करने पर सामने आया कि पूनम बेड़ा मूलतः नागौर जिले की जायल तहसील के कठौती गांव… pic.twitter.com/22AwnyzBVm
फैक्ट-चेक में यह पुष्टि हुई कि पूनम बेड़ा और भेराराम बेड़ा के बीच भाई-बहन का संबंध नहीं है। पारिवारिक जांच के आधार पर यह पाया गया कि भेराराम बेड़ा के पिता का नाम सीताराम बेड़ा है, जबकि पूनम बेड़ा के पिता का नाम रामकिशोर बेड़ा है। भेराराम की तीन बहनें हैं—गंगा बेड़ा, सरस्वती बेड़ा और सुमन बेड़ा—जबकि इनकी कोई चौथी बहन नहीं है।
इसके अलावा, एक और अहम तथ्य यह भी सामने आया कि पूनम बेड़ा ने ओबीसी नॉन-क्रीमीलेयर आरक्षण का लाभ उठाया है, जबकि उनके सहायक प्रोफेसर पद पर होने के कारण उनकी वार्षिक अनुमानित सैलरी 8 लाख रुपये है। इस मुद्दे पर भी अब जांच की मांग की जा रही है।
इस विवाद के बीच, नागौर जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने भेराराम बेड़ा को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी किया है। यह आरोप है कि भेराराम, जो कि एक सरकारी शिक्षक हैं, ने बार-बार राजनीतिक पोस्ट्स की हैं और पूर्व में दलित समुदाय की IAS अधिकारी टीना डाबी और आरक्षण प्रणाली पर भी टिप्पणी की थी, जिससे समाज के एक धड़े में आक्रोश पैदा हो गया।
हालांकि, सभी विवादों के बावजूद पूनम बेड़ा की इस सफलता पर उन्हें राजस्थान न्यायिक सेवा में चयनित होने के लिए बधाई दी जा रही है।
लेख अशोक मेघवाल की X पोस्ट पर आधारित है.