नई दिल्ली: करवा चौथ, भारत में विशेष रूप से हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस व्रत को सही तरीके से न करना, इसे अधूरा मानते हैं। इस दिन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनके बिना व्रत अधूरा माना जाता है। तो आइए जानते हैं, वो दो विशेष काम जिनके बिना करवा चौथ का व्रत अधूरा रहेगा।
1. सूर्योदय से पहले तिल और जल का अर्पण:
करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले एक विशेष अनुष्ठान करना बेहद आवश्यक है। महिलाओं को इस दिन तिल और जल का अर्पण सूर्य देवता को करना चाहिए। इसे पारंपरिक रूप से व्रत को संपूर्ण और फलदायी बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है। अगर यह काम ना किया जाए, तो व्रत अधूरा हो सकता है।
2. चंद्रमा को देखकर व्रत खोलना:
करवा चौथ के दिन व्रति महिलाओं को चंद्रमा के दर्शन करना और फिर उन्हें देखकर व्रत खोलना अनिवार्य है। चंद्रमा के दर्शन करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और उसके बाद पानी पीकर व्रत खोलती हैं। यह एक प्राचीन परंपरा है जिसे निभाना बेहद जरूरी होता है। चंद्रमा को देखे बिना व्रत खोलना व्रति के लिए अशुभ माना जाता है और इससे व्रत अधूरा माना जाएगा।
महिलाओं के लिए व्रत के महत्व:
करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है। महिलाएं पूरे दिन उपवासी रहती हैं और शाम को चंद्रमा को देखकर व्रत खोलती हैं। इस दिन का खास महत्व है क्योंकि यह न केवल पारिवारिक समृद्धि और खुशहाली को बढ़ाता है, बल्कि पत्नी और पति के रिश्ते को भी और मजबूत करता है।
इस बार करवा चौथ पर यदि आप भी व्रत रख रहे हैं, तो इन दो महत्वपूर्ण कामों को न भूलें, ताकि आपका व्रत संपूर्ण और फलदायी हो। सही तरीके से व्रत करने से न सिर्फ धार्मिक मान्यता की सिद्धि होती है, बल्कि आपके जीवन में भी सुख-शांति का वास होता है।
आपके अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के साथ, करवा चौथ की शुभकामनाएं!