14 अक्टूबर 2024: लखनऊ: हाल ही में बहराइच में हरा झंडा हटाकर भगवा झंडा लगाने के विवाद में गोपाल मिश्रा की हत्या की घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। इस हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक चिंतक दिलीप मंडल ने सोशल मीडिया मंच *X* (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मंडल ने हत्या को हिंसा का उकसावा बताते हुए लिखा, "भावना आहत हुई तो क्या मर्डर कर देंगे?" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर किसी की धार्मिक या सांस्कृतिक भावना आहत होती है, तो उसके लिए कानूनी रास्ते मौजूद हैं। उन्होंने कहा, "पहले क्या हुआ, ये हत्यारों को बचाने की आपकी दलील भर है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून में भावना आहत होने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है, और इसके लिए मुकदमा दायर किया जा सकता है।
भावना आहत हुई तो क्या मर्डर कर देंगे? पहले क्या हुआ, ये हत्यारों को बचाने की आपकी दलील भर है। ज़ुबैर, ये मत करो। ये हिंसा को उकसावा है।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) October 14, 2024
भावना आहत हुई तो साबित करते। तीन साल तक की सजा है। मुक़दमा करते। हत्यारों ने ये क्यों किया?
फाँसी होनी चाहिए हत्यारों को। https://t.co/gQeltYnHTh
मंडल ने ज़ुबैर (संभावित संदर्भ में मोहम्मद जुबैर) को संबोधित करते हुए आग्रह किया कि हिंसा को बढ़ावा न दिया जाए और वैध कानूनी प्रक्रिया को अपनाया जाए। उन्होंने लिखा, "ज़ुबैर, ये मत करो। ये हिंसा को उकसावा है।" मंडल ने इस पूरी घटना में हत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग करते हुए लिखा कि हत्यारों को फांसी होनी चाहिए।
यह टिप्पणी तब आई जब देश में धर्म और सांस्कृतिक प्रतीकों को लेकर हो रही घटनाओं पर बहस तेज हो गई है। हरा और भगवा झंडे को लेकर हो रहे विवादों ने कई जगहों पर हिंसा को जन्म दिया है, और इस मामले में गोपाल मिश्रा की हत्या ने फिर से इस मुद्दे को केंद्र में ला दिया है।
मंडल की इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बहस को और अधिक तीखा कर दिया है, जहां लोग धार्मिक भावनाओं, हिंसा और कानून के पालन पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।
देश में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए कानूनी उपायों पर एक गंभीर चर्चा की जरूरत महसूस की जा रही है ताकि हिंसा को रोका जा सके और समाज में शांति बनाए रखी जा सके।
यह खबर दिलीप मंडल की सोशल मीडिया पोस्ट और बहराइच में घटित घटना पर आधारित है।