लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में पुलिस कस्टडी में मारे गए मोहित पांडेय के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने पांडेय के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यह कदम सरकार द्वारा पीड़ित परिवार की सहायता के रूप में लिया गया है और इसके लिए योगी सरकार की सराहना भी हो रही है।
हालांकि, इस मामले के साथ ही एक अन्य घटना पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले एक दलित युवक अमन गौतम की भी पुलिस कस्टडी में मृत्यु हो गई थी। अमन गौतम के परिवार का आरोप है कि उन्हें अब तक सरकार से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है।
पुलिस कस्टडी में मारे गए मोहित पांडेय के परिवार से मुख्यमंत्री योगी जी मिले साथ ही 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी किया जो कि अच्छी बात है, लेकिन कुछ दिन पहले एक दलित युवक अमन गौतम की भी पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी जिसे योगी जी ने एक रुपए का आर्थिक मदद नहीं किया. योगी जी आपकी नजर… pic.twitter.com/latHO8Zvot
— Sanjay Kumar(BSP) (@Sanjay_Sang90) October 28, 2024
सामाजिक कार्यकर्ताओं और दलित समुदाय के नेताओं ने इस घटनाक्रम पर गहरी नाराज़गी जताई है और मुख्यमंत्री पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस कस्टडी में मारे गए किसी भी व्यक्ति के परिवार को सरकार की ओर से समान आर्थिक सहायता और न्याय मिलना चाहिए।
दलित संगठनों के अनुसार, इस प्रकार की घटनाएं दलित समाज में असुरक्षा और नाराजगी का कारण बनती हैं। कई नेताओं का कहना है कि यदि सरकार जातिगत भेदभाव को समाप्त करना चाहती है, तो उसे ऐसे मामलों में सभी के साथ समान व्यवहार करना होगा और हर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के प्रयास करने होंगे।
अमन गौतम की मौत के बाद से उनके परिवार को न्याय का इंतजार है, जबकि मुख्यमंत्री द्वारा आर्थिक सहायता न दिए जाने को लेकर कई लोगों में आक्रोश है। समाज में यह सवाल उठ रहा है कि क्या हर व्यक्ति को समान अधिकार और न्याय मिलेगा, या जातिगत भेदभाव की यह समस्याएँ यूं ही बनी रहेंगी?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीद की जा रही है कि वे अमन गौतम के परिवार के प्रति भी समान संवेदनशीलता दिखाएँगे और उन्हें भी न्याय एवं सहायता उपलब्ध कराएंगे।