बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश— एक और हृदयविदारक घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। बुलंदशहर के अहमदगढ़ थाना क्षेत्र के गांव जगदीशपुर में एक दलित महिला और उसकी बेटी की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे दलित समुदाय और अन्य संवेदनशील वर्गों में आक्रोश व्याप्त है।
वायरल वीडियो में एक दबंग व्यक्ति को एक दलित महिला और उसकी बेटी को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने खेत से घास काटने का आरोप लगाकर महिला को मारा। वीडियो में मां-बेटी को रहम की भीख मांगते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है, लेकिन आरोपित व्यक्ति ने किसी भी दया की भावना नहीं दिखाई और उनकी जमकर पिटाई की।
इस घटना ने पूरे दलित समाज में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और दलित संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह घटना समाज में निहित जातिगत भेदभाव और हिंसा की पुरानी परंपरा का जीवंत प्रमाण है, जिसे अब खत्म किया जाना चाहिए।
सिर्फ घास काटने पर महिला की बुरी तरह से पिटाई !
— Raj Kumar Kabir (@rajkumarkabir1) October 8, 2024
आपने निवेदन है कि घटना का संज्ञान लेते हुए उचित कारवाही करें।@Uppolicehttps://t.co/ERDBNpZera
वायरल वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अहमदगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस के अनुसार, इस घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
इस घटना ने फिर से एक बार समाज में व्याप्त जातिगत हिंसा और असमानता के मुद्दे को उजागर कर दिया है। यह कोई पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई हो। दलित समाज के लोग लंबे समय से इस प्रकार की हिंसा और भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर हमारे समाज से ऐसे दृश्य कब दूर होंगे? कब तक जातिगत भेदभाव और हिंसा से लोग जूझते रहेंगे?
इस घटना के बाद समाज के जागरूक वर्ग ने इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत पर बल दिया है। दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाए और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किए जाएं।
घटना की गंभीरता को देखते हुए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और समाज किस तरह से इस मामले को सुलझाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाता है।
यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि हमारे समाज में जातिगत भेदभाव और हिंसा अभी भी गहरे पैठे हुए हैं। हमें सामूहिक रूप से ऐसे कृत्यों की निंदा करनी चाहिए और एक ऐसा समाज बनाने की दिशा में काम करना चाहिए जहां सभी लोगों को समानता और न्याय मिले।