छतरपुर, मध्यप्रदेश – मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से सामने आई है। 12 अक्टूबर को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान अश्लील गाने बजाने का विरोध करने पर दलित समाज के दो युवकों के साथ बर्बरता की गई। एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यह दर्दनाक दृश्य कैद है।
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि दो दलित युवकों को कुछ लड़के निर्वस्त्र करके बुरी तरह पीट रहे हैं। हैवानियत की हद तब पार हो गई जब उन युवकों से जूते चटवाए गए। इस घटना ने पूरे समाज में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
बताया जा रहा है कि दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान अश्लील गानों के बजने का दलित युवकों ने विरोध किया था, जिससे नाराज होकर आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया। उन्हें पहले पीटा गया और फिर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। हमलावरों ने बेल्ट से युवकों की बेरहमी से पिटाई की और उनकी इज्जत को तार-तार करने के लिए उन्हें जूते चाटने पर मजबूर किया।
यह घटना वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस घटना से पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया है, और दलित संगठनों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है।
हैवानियत : दलित युवकों से जूते चटवाए, कपड़े उतार कर बेल्ट से मारा , विडियो
— Ambedkarite People's Voice (@APVNews_) October 17, 2024
मध्यप्रदेश के छतरपुर से दलित युवक के साथ हैवानियत का विडियो सामने आया है
बताया जा रहा है कि विडियो 12 अक्टूबर का हैं जब दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान अश्लील गाने बजाने का विरोध किया तों इस आदिवासी… pic.twitter.com/04IgykLugI
इस बर्बरता के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी अपनी आवाज उठाई है। कई नेताओं ने इस घटना को दलितों पर अत्याचार और उनके मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया है। वे इस बात की मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस घटना ने एक बार फिर से जातिगत भेदभाव और अत्याचार के मुद्दों को उजागर किया है, जो कि आधुनिक समाज में भी गहरे रूप से जड़ें जमाए हुए हैं।
इस घटना के बाद पीड़ितों के परिवार और समाज के लोग न्याय की गुहार लगा रहे हैं। पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की उम्मीद है ताकि पीड़ितों को इंसाफ मिल सके और समाज में शांति की स्थापना हो सके।
इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी झकझोर देती हैं। यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी और को इस तरह की हैवानियत का शिकार न बनना पड़े।